अपने ही गढ़ में फंसी भाजपा, तीन दशक बाद बिगड़े समीकरण

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भोपाल। भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक प्रदेश की चर्चित सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान नहीं किया है। ये ऐसी सीट हैं, जहां भाजपा पिछले 30 साल से काबिज है। जबकि गुना संसदीय सीट पहले राजमाता विजयराजे सिंधिया के पास थी, उसे भी भाजपा का गढ़ माना जाता है। इंदौर, भोपाल,विदिशा एवं सागर लोकसभा सीट के लिए भाजपा में अभी भी प्रत्याशियों को लेकर मंथन जारी है। यही वजह है कि पार्टी प्रत्याशियों के नामों पर लगभग सहमति बनने का दावा करने वाली भाजपा अभी तक अधिकृत सूची जारी नहीं कर पाई है। 

भाजपा ने अभी तक 24 लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है। जबकि शेष पांच सीट इंदौर, भोपाल,विदिशा, गुना एवं सागर ऐसी हैं, जहां 1989 से भाजपा के कब्जे में हैं। हालांकि राजमाता सिंधिया के सीट छोडऩे के बाद से गुना कांगे्रस के कब्जे में है। भारतीय जनता पार्टी को सबसे ज्यादा मशक्त इंदौर,्र भोपाल, विदिशा  और सागर के लिए प्रत्याशी चयन में करनी पड़ रही है। मंगलवार को भोपाल से लेकर दिल्ली तक प्रत्याशियों के नाम पर दिन भर मंथन चलता रहा। कुछ सीटों पर सहमति भी बन गई, इसके बावजूद भी पार्टी हाईकमान किसी भी सीट से प्रत्याशियों के नाम का ऐलान नहीं कर पाई है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि शेष सभी सीटों के प्रत्याशियों को लेकर आज फिर मंथन होगा, इसके बाद संभवत: शाम तक प्रत्याशियों की सूची जारी हो सकती है।  


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