भोपाल।
मध्यप्रदेश की नवगठित 15वीं विधानसभा का सत्र आज से शुरु हो गया है। सदन की कार्रवाई शुरु होते ही प्रोटेम स्पीकर दीपक सक्सेना ने एक एक करके सभी विधायकों को शपथ दिलाना शुरू कर दिया है। इस बीच बसपा विधायक रामबाई ने बड़ा बयान देकर कांग्रेस में हड़कंप मचा दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि इसके बाद भी मंत्री नही बनाया तो जो विश्वास कर सकता है वो विश्वासघात भी कर सकता है।उनके इस बयान को अब राजनीति में चेतावनी की तरह देखा जा रहा है, हालांकि इस पर कांग्रेस की अभी तक कोई प्रतिक्रिया नही आई है।बसपा विधायक के इस सख्त रवैये से एक बार फिर कांग्रेस के समर्थन पर सवाल उठते नजर आ रहे है।
दरअसल,सत्र शुरु होने से पहले बसपा विधायक रामबाई से जब मंत्रीपद को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 11 जनवरी के बाद मंत्री बनाने का आश्वासन दिया है। यदि इसके बाद भी मंत्री नही बनाया तो जो विश्वास कर सकता है वो विश्वासघात भी कर सकता है। भाजपा के लोगो ने कई बार संपर्क किया है। भोपाल में भी कई नेताओं ने मुलाकात की है। रामबाई के इस बयान ने राजनैतिक हलकों मे हलचल पैदा कर दी है
इससे पहले रामबाई ने कांग्रेस द्वारा उनकी उपेक्षा किए जाने की बात कही थी। रविवार को बसपा विधायक रामबाई ने कहा था कि उनकी उपेक्षा पार्टी को भारी पड़ सकती है। हम बीएसपी प्रमुख बहन जी मायावती के आदेश का पालन करेंगे। अगर उन्होंने समर्थन के लिए कहा है तो हम कांग्रेस के साथ हैं अगर वह मना करेंगी तो हम पीछे हट जाएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को यह तय करना होगा कि हमारी भागीदारी सरकार में क्या होगी। हमें अब तक ये समझ नहीं आ रहा है कि हमारी भागीदारी अभी क्या है।। लेकिन हम बहनजी के आदेश का पालन कर रहे हैं इसलिए कांग्रेस के साथ हैं। अगर बहनजी का आदेश नहीं होता तो हम कांग्रेस को बताते।
इधर, प्रदेश बसपा अध्यक्ष बोले- बिना शर्त के कांग्रेस को समर्थन
कमलनाथ कैबिनेट में शामिल नहीं किए जाने से नाराज बहुजन समाज पार्टी ने विधानसभा सत्र से पहले स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार को उसका समर्थन जारी रहेगा। मंत्री बनाए जाने को लेकर पार्टी ने कोई शर्त नहीं रखी। कांग्रेस सरकार को समर्थन देने का निर्णय पार्टी सुप्रीमो मायावती पहले ही कर चुकी हैं, उसमें कोई बदलाव नहीं है। प्रदेश बसपा के अध्यक्ष डीपी चौधरी ने कहा कि पार्टी के दोनों विधायकों को इस बारे में पार्टी सुप्रीमो पहले ही दिशा-निर्देश दे चुकी हैं। विधानसभा में अध्यक्ष को लेकर मायावती से मार्गदर्शन मांगा है। बसपा प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में भी इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में दोनों विधायक रामबाई सिंह परिहार और संजीव सिंह भी मौजूद थे।ऐसे में रामबाई का दोबारा यूं बयान देना अपने आप में कई सवाल खड़े कर रहा है।