मप्र की केंद्र को दो टूक, उप्र को एक बूंद भी ज्यादा पानी नहीं देंगे

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भोपाल। मप्र-उप्र की बहुप्रतीक्षित केन-बेतवा लिंक परियोजना से पानी बंटवारे को लेकर दोनों राज्यों के बीच चल रहा विवाद सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। मप्र ने हाल ही में केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय को पत्र भेजा है कि उप्र को रबी सीजन के लिए 700 एमसीएम के अतिरिक्त एक बूंद भी ज्यादा नहीं दिया जाएगा। प्रदेश के हितों के साथ किसी भी स्थिति में खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।  

राज्य सरकार ने केंद्रीय जल संसाधन विभाग को अपना जवाब भेज दिया है। परियोजना की फाइनल डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) में उत्तर प्रदेश को रबी सीजन के लिए 930 एमसीएम पानी दिए जाने का जिक्र था। इसे लेकर पिछले माह मंत्रालय में बैठक हुई थी। करीब डेढ़ साल से उत्तर प्रदेश को दिए जाने वाले पानी पर बहस चल रही है। परियोजना की समझौता शर्त के मुताबिक उत्तर प्रदेश को रबी सीजन के लिए 700 एमसीएम पानी दिया जाना है, लेकिन अब उत्तर प्रदेश सरकार इस सीजन के लिए 930 एमसीएम पानी की मांग कर रही है। इसको लेकर भोपाल से दिल्ली तक डेढ़ साल से बैठकों का दौर चल रहा है। सूत्र बताते हैं कि दोनों राज्यों में भाजपा सरकार रहते हुए इस विवाद को सुलझाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) भी मध्यस्तता कर चुका है। इसके बावजूद मप्र प्रदेश की जनता के हितों पर समझौता करने को तैयार नहीं है। पिछले माह नेशनल वॉटर डेवलपमेंट एजेंसी (एनडब्ल्यूडीए) ने डीपीआर तैयार की, जिसमें मप्र में चर्चा हुई। इस रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश को रबी सीजन के लिए 930 एमसीएम पानी देने का जिक्र है। यह बात जब राज्य सरकार के अफसरों के सामने रखी गई तो उन्होंने इतना पानी देने से साफ इनकार कर दिया। 

जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव एम गोपाल रेड्डी ने बताया कि उत्तर प्रदेश ने रबी सीजन के लिए 930 एमसीएम पानी की मांग की है। इससे हम सहमत नहीं हैं। हमने केंद्र सरकार को अपना जवाब भेज दिया है। 


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