रतलाम।
बीजेपी से बागी हुए वरिष्ठ नेता रामकृष्ण कुसमारिया के कांग्रेस में शामिल होने पर केन्द्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने बड़ा बयान दिया है। गहलोत ने कुसमारिया के इस कदम को पार्टी के साथ विश्वासघात बताया है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने उन्हें पूरा सम्मान दिया लेकिन उन्होंने विश्वासघात किया है, अब उन्हें इसका नुकसान भुगतना पड़ेगा। इससे पहले शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री रही कुसुम मेहदेले ने कुसमारिया के फैसले को गलत बताया था , हालांकि भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर ने कुसमारिया का समर्थन किया था।
दरअसल, शनिवार को केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत रेलवे मजदूर संघ और कर्मचारी परिषद के सम्मेलन में शामिल होने के लिए रतलाम पहुंचे थे। यहां उन्होंने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कुसमरिया के कांग्रेस में जाने के सवाल पर जबाव देते हुए कहा कि अपनी इच्छा व्यक्त करना सबका अधिकार है, लेकिन इच्छा पूरी नहीं होने पर पार्टी से विश्वासघात नहीं करना चाहिए। पार्टी ने उन्हें सम्मान दिया। पार्टी ने उन्हें विधायक, सांसद और मंत्री बनाया।लेकिन अब जिसे जहां जाना चाहिए था, वो वहां चला गया । यह विनाशकाले विपरीत बुद्धि का परिचायक है, उन्होंने जैसा किया है, उन्हें उसका परिणाम भुगतना पड़ेगा।
कुसम मेहदेले के बयान पर बोले
वहीं उन्होंने बगावत पर उतरी कुसुम महदेले के बयान को लेकर कहा कि उन्हें भी पार्टी ने सम्मान और पद दिया है। इच्छा पूरी नहीं होने पर पार्टी के साथ विश्वासघात नहीं करना चाहिए।बता दे कि कुसुम मेहदेले ने पीएम मोदी से मांग की है कि या तो उन्हें राज्यपाल बनाया जाए या राज्यसभा भेजा जाए, लोकसभा चुनाव में दमोह या खजुराहो से टिकट दिया जाए। हालांकि मेहदेले के बयान के बाद की राजनैतिक सरगर्मियां तेज हो चली है।
मेहदेले ने फैसले को बताया गलत, गौर ने कुसमारिया का किया समर्थन
कुसमारिया के कांग्रेस में जाने के फैसले को मेहदेले ने गलत बताया है।मेहदेले का कहा है कि पार्टी ने उन्हें बहुत कुछ दिया, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था ।वही गौर ने उनके फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि कुसमरिया ने बहुत अच्छा किया। पार्टी ने कुसमरिया का सम्मान नही किया। कुसमारिया बीजेपी में दुखी थे । कुसमरिया अपनी काबिलियत से 3 बार विधायक और 5 बार के सांसद बने थे, बावजूद इसके पार्टी ने उन्हें नजरअंदाज किया।