भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने नशा मुक्ति को लेकर आज एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा है कि समरस पंचायतों में नशा मुक्ति (Drug Deaddiction) का अभियान चलाया जाए। नशा मुक्त गांव (Drug free village) को विशेष रूप से 2 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री निवास परिसर में निर्विरोध निर्वाचन द्वारा समरस पंचायतों का गठन करने वाले प्रतिनिधियों के अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने पंचायत प्रतिनिधियों को निर्विरोध निर्वाचित करने वाले ग्रामवासियों का आभार माना।
उन्होंने कहा कि नशा नाश की जड़ है इसलिए गांव को नशा मुक्त बनाने के लिए आपसी बातचीत और विभिन्न प्रेरणास्पद गतिविधियों से वातावरण निर्मित किया जाए। यह सुनिश्चित करें कि हमारी पंचायतें “बेटी फेंडली” हों। समरस पंचायतों सहित सभी पंचायतों में बेटियों का मान, सम्मान और इज्जत बढ़े। बेटा-बेटी को बराबर माना जाए। समरस पंचायतों को अपने काम से पूरे देश में उदाहरण प्रस्तुत करना है।
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उन्होंने कहा कि जनता की सेवा, गांव का विकास, आंगनबाड़ी, स्कूल, पंचायत, सामुदायिक भवन का व्यवस्थित और परिणाममूलक संचालन हमारी प्राथमिकता हो। हम यह सुनिश्चित करें कि हमारी पंचायत में कोई बच्चा कुपोषित नहीं रहे। शिवराज ने दोहराया माँ, बहन, बेटी की तरफ गलत नजर से देखने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
कार्यक्रम में सरपंचों द्वारा मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया गया। नर्मदापुरम जिले की तहसील बनखेड़ी की ग्राम पंचायत उमरधा की निर्विरोध निर्वाचित सरपंच सुश्री जागृति सिंह जूदेव और सीहोर जिले के बुधनी जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत चिपरी के निर्विरोध निर्वाचित सरपंच अमित चौहान ने अपने अनुभव तथा ग्राम विकास को लेकर अपनी प्राथमिकताएँ और कार्य-योजना प्रस्तुत की।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 630 सरपंच, 157 जनपद पंचायत सदस्य और एक जिला पंचायत सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। किसी भी पंचायत में सरपंच का निर्वाचन निर्विरोध रूप से होने पर 5 लाख रुपये, सरपंच पद के लिए वर्तमान और पिछला निर्वाचन निरंतर निर्विरोध होने पर 7 लाख रुपये तथा सभी पंच और सरपंच निर्विरोध निर्वाचित होने पर 7 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इसी प्रकार पंचायत में सरपंच एवं पंच के सभी पदों पर महिलाओं का निर्वाचन होने पर पंचायत को 12 लाख रुपये और पंचायत में सरपंच एवं पंच के सभी पदों पर महिलाओं का निर्वाचन निर्विरोध होने पर पंचायत को 15 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा कि देश में सर्वप्रथम मध्य प्रदेश में ही पंचायतों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई। महिलाओं में नेतृत्व क्षमता के साथ कर्मठता की कोई कमी नहीं है। इंदौर ने महिला महापौर के नेतृत्व में स्वच्छता के क्षेत्र में देश में कीर्तिमान स्थापित किया है। ग्राम पंचायतों में निर्वाचित महिला पंचायत प्रतिनिधि जनता की सेवा और गांव के विकास में नए कीर्तिमान स्थापित करेंगी।
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सीएम ने कहा कि समरस पंचायतों को अपनी प्राथमिकता तय कर कार्य करना होगा। हम यह प्रण लें कि गांव में कोई लड़ाई-झगड़ा नहीं होगा। यदि कोई विवाद होता है तो उसे बातचीत से सुलझाया जाएगा, जिससे हम अपना समय और पैसा कोर्ट-कचहरी में बर्बाद नहीं होने देंगे। साथ ही यह भी हमारी प्राथमिकता हो कि केन्द्र और राज्य की सभी योजनाओं का लाभ पंचायत के प्रत्येक पात्र व्यक्ति को उपलब्ध कराया जाए। ग्राम पंचायत में सभी लोग मिल-बैठकर अगले पांच साल की विकास की कार्य-योजना तय करें और उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। ग्राम पंचायत में स्वच्छता, वृक्षारोपण, बच्चों को कुपोषण से मुक्त करना, दिव्यांगों का सर्वे कर उन्हें संबंधित योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराना, मुख्यमंत्री भू-अधिकार योजना में प्रत्येक पात्र व्यक्ति को आवास के लिए भूमि उपलब्ध कराना, गाँव को नशा मुक्त करना, गाँव में असामाजिक तत्वों और अवैधानिक गतिविधियों को न होने देना प्राथमिकता में शामिल किया जाए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रत्येक गांव अपना गौरव दिवस अवश्य मनाए। इस दिन गांव के सभी लोग गांव में एकत्र होकर विकास की योजना तय करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि हर माह ग्राम सभा हो। हमें विकास का ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करना है, जो अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा-स्त्रोत बने।