सीधी/भोपाल।
सीधी कलेक्टर का पदभार संभालते ही अभिषेक सिंह एक्शन मोड में दिखाई दे रहे है। मंगलवार को वे 18 स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण करने पहुंचे।जहां शिक्षकों के नदारद मिलने पर उन्होंने 16 अध्यापक, एक प्रभारी प्राचार्य व एक छात्रावास अधीक्षक को निलंबित कर दिया गया। सिंह ने कहा कि मेरा मकसद है कि शिक्षक स्कूल आएं और बच्चों को पढ़ाएं। शिक्षा में सुधार ही मेरा पहला लक्ष्य है।बताते चले कि वे अबतक 36 शिक्षकों को निलंबित कर चुके है, जबकी उन्हें ज्वाइनिंग किए अभी 17 ही दिन हुए है।
दरअसल, कांग्रेस के सत्ता में आते ही दर्जनों आईएएस अफसरों के तबादले किए गए थे । इनमें तेज तर्रार और हमेशा एक्शन मोड में काम करने वाले कलेक्टर अभिषेक सिंह का भी नाम शामिल है। पिछले महिने 23 दिसंबर 2018 को ही उन्होंने बतौर सीधी कलेक्टर का पदभार ग्रहण किया ।कलेक्टर का पद संभालते ही वे लगातार स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण कर रहे हैं । इसी कड़ी में उन्होंने मंगलवार को 18 स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण किया और जो भी शिक्षक गैरहाजिर मिले, उनका निलंबन आदेश जारी कर दिया। जिन शिक्षकों पर कार्रवाई की गई, वे स्कूलों से नदारद मिले थे। इसके बाद उन्होंने बच्चों से इस बारे मे पूछा तो उन्होंने बताया कि वे कभी स्कूल आते ही नही है।
वहां उन्होंने 10 से 15 मिनट तक शिक्षकों के आने का इंतजार किया। इसके बाद भी शिक्षक समय पर नहीं आए। कलेक्टर ने बच्चों के साथ आसपास के लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि शिक्षक कभी समय पर नहीं आते हैं। तब कलेक्टर ने निलंबन की कार्रवाई करते हुए 16 अध्यापक, एक प्रभारी प्राचार्य व एक छात्रावास अधीक्षक को निलंबित कर दिया गया। कलेक्टर की इस कार्रवाई के बाद शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है।वही शहर भर में उनके काम की चर्चा है।
हालांकि यह पहला मौका नही है। इससे पहले अभिषेक ,दिलीप कुमार से सीधी कलेक्टर का चार्ज लेते ही जिला पंचायत सीईओ अवि प्रसाद के साथ जिला अस्पताल का पहुंच गए थे। वहां सीधे मरीजों की समस्याओं के संबंध में जानकारी लेते हुए चिकित्सकों को हिदायत भी दी थी। कलेक्टर की काम-काज की अब शहरभर में चर्चा हो रही है।
बता दे चले कि 2009 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अभिषेक सिंह सीधी जिले से पहले सीईओ भोपाल सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित एवं पशुपालन विभाग का अतिरिक्त प्रभार, खंडवा कलेक्टर और उमरिया कलेक्टर भी रह चुके है।