भोपाल। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश में विरोध के बाद भाजपा अब इस कानून को लेकर सड़क पर उतरेगी। बूथ कार्यकर्ता से लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तक लोगों के घर जाएंगे और समझाएंगे के इस कानून से किसी भी भारतीय की नागरिकता को कोई खतरा नहीं है। इस संबंध में मप्र भाजपा की रणनीति बन चुकी है। गुरुवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित बैठक में पार्टी नेताओं ने अपनी बात रखी और 1 जनवरी से जनता के बीच जाने की तैयारी की। भाजपा नेताओं ने मप्र कांगे्रस द्वारा सीएए के विरोध में निकाले गए शांति मार्च को लेकर भी विरोध दर्ज कराया और कमलनाथ सरकार पर लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाया। भाजपा नेता जनता को बताएंगे कि सीएए पर कांग्रेस देश में भ्रम की स्थिति पैदा कर रही है। वोटों की राजनीति के लिए वे जानबूझकर भ्रम फैला रहे हैं। हमें इस कानून की सच्चाई को जनता के सामने लाकर इस भ्रम को दूर करना है। यह एक वैचारिक युद्ध है और हमें पूरी तैयारी के साथ मैदान में आकर इस लड़ाई को जीतना ही है।
प्रदेश कार्यालय में आयोजित नागरिकता संशोधन कानून पर जन जागरण अभियान की बैठक में जागरूकता अभियान की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की गई। बैठक में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश संगठन प्रभारी डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि इस विचार युद्ध में उतरने से पहले यह विचार करें कि जो लोग नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे हैं, उसके पीछे राजनीति क्या है? हमारी सरकार की राष्ट्रनीति क्या है और इस युद्ध में जीत हासिल करने के लिए हमारी रणनीति क्या हो? हमें लोगों को यह बताना होगा कि मुस्लिम समुदाय को इस कानून से कोई नुकसान नहीं है, उनके लिए पहले से कानून है। प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी ने विभाजन के समय यह कहा था कि जो हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक पाकिस्तान में रह गए हैं, वे यदि भारत आना चाहें, तो आ सकते हैं। उनके जीवनयापन और सुरक्षा का दायित्व भारत सरकार का होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री कमलनाथ को चुनौती देती है कि वे पाकिस्तान से आई मासूम बेटियों की पुकार सुनें और फिर यह कहकर बताएं कि हम इन्हें नागरिकता नहीं मिलने देंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोगों में अपने ही नेताओं की बातों को स्वीकारने का साहस नहीं है।