भोपाल। मध्यप्रदेश में 24 सीटों का टारगेट लेकर चल रही कांग्रेस इस बार बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाने की तैयारी कर रही है।कांग्रेस का फोकस प्रदेश की हाईप्रोफाइल सीटों पर ज्यादा है। इनमें से एक सीधी लोकसभा सीट भी है जहां से वर्तमान में भाजपा की रीती पाठक सांसद है। बीजेपी यहां पिछले दो चुनाव जीतने में सफल रही है।वही हाल ही में विधानसभा चुनाव के दौरान हार के बावजूद यहां बीजेपी का अच्छा प्रदर्शन रहा। बीजेपी ने आठ में से सात सीटे हासिल की अगर बीजेपी 2019 का लोकसभा चुनाव भी जीतती है तो यह बीजेपी की हैट्रिक होगी। लेकिन कांग्रेस इस सीट पर नजर जमाए हुए है और एक ऐसे उम्मीदवार की तलाश कर रही है जो इस किले को सीधा ध्वस्त कर सके।
दरअसल, यहां पर विधानसभा की 8 सीटें आती हैं। ये सीटें चुरहट, चित्रांगी, धौहानी, सिद्दी, सिंगरौली, ब्यौहारी, सिहावल, देवसर हैं। इन 8 सीटों में से 7 पर बीजेपी और 1 पर कांग्रेस का कब्जा है।वर्तमान में यहां से रीती पाठक भाजपा सांसद है।संसद में सत्र के दौरान उन्होंने कई बार मुद्दे उठाए।हालांकि विधानसभा चुनाव के दौरान कई बार वे अपनों बयानों को लेकर चर्चाओं में रही। बावजूद इसके विधानसभा चुनाव के दौरान यहां भाजपा का अच्छा प्रदर्शन देखने को मिला। इसलिए भाजपा को उम्मीद है कि यह सीट उन्ही को मिलेगी। वही कांग्रेस भी दमदार उम्मीदवार की तलाश में है जो यहना जीत हासिल करवा सके। वहीं विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस में आत्मविश्वास बढ़ा है और सत्ता में आने के बाद बड़ी घोषणाएं काफी हद तक असर डालेंगी| जिसको लेकर कांग्रेस को अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है| अगर कांग्रेस इस सीट पर कंजा जमाने में कामयाब होती है तो केन्द्र में इसका फायदा मिलेगा और अगर भाजपा अपना कब्जा बनाए रखने में सफल हुई तो यह भाजपा की हैट्रिक होगी।लेकिन बसपा-सपा के गठबंधन के बाद यहां सीट जाने का डर भी बना हुआ है। हालांकि विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा-सपा का कोई खास प्रभाव नही देखने को मिला। लेकिन बीते लोकसभा चुनाव में बसपा यहा तीसरे नंबर पर रही थी। अगर यूपी की तरह वो गठबंधन करती है तो कांग्रेस की मुश्किलें थोडी बढ़ सकती है, जिसका पूरा पूरा फायदा भाजपा को मिलना तय है।
ऐसा रहा है इस सीट का इतिहास
2014 के चुनाव में बीजेपी की रीति पाठक ने कांग्रेस के इंद्रजीत कुमार को हराया था। रीति पाठक को 4,75,678 वोट मिले थे तो वहीं इंद्रजीत कुमार को 3,67,632 वोट मिले थे। वहीं बसपा तीसरे स्थान पर रही थी। रीति पाठक ने इस चुनाव में 1,08,046 वोटों से जीत हासिल की थी। इस चुनाव में रीति पाठक को 48.08 फीसदी वोट मिले थे, इंद्रजीत को 37.16 फीसदी वोट और बसपा उम्मीदवार को 3.98 फीसदी वोट मिले थे। 2009 के चुनाव में भी इस सीट पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी. बीजेपी के गोविंद प्रसाद ने कांग्रेस के इंद्रजीत कुमार को हराया था। वहीं निर्दलीय उम्मीदवार वीणा सिंह तीसरे स्थान पर थीं। गोविंद प्रसाद को 2,70,914(40.09फीसदी) वोट मिले थे तो वहीं इंद्रजीत कुमार को 2,25174(33.32फीसदी) वोट मिले थे। तीसरे स्थान पर रहीं वीणा सिंह को 66,985(9.91फीसदी) वोट मिले थेय़ पिछले 2 चुनावों में इस सीट पर बीजेपी को ही जीत मिली है। कांग्रेस ने इस सीट पर जीत 2007 के उपचुनाव में हासिल की थी, लेकिन 2007 के पहले तीन चुनावों में बीजेपी ने यहां पर लगातार जीत हासिल की थी। इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों को 6-6 बार जीत मिली है।