भोपाल।
इन दिनों कमलनाथ सरकार में कुछ ठीक नही चल रहा है। विधायक अपनी ही सरकार की घेराबंदी में जुट गए है।अब ग्वालियर पूर्व से कांग्रेस विधायक मुन्नालाल गोयल ने विधानसभा के बाहर धरने पर बैठ गए है। वे अपनी मांगों को लेकर विधानसभा के बाहर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठे है।
दरअसल, विधायक भूमिहीनों को पट्टा नहीं मिलने से सरकार से खासे नाराज है।उन्होंने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप भी लगाया है।उनका आरोप है कि कांग्रेस ने वचनपत्र में भूमिहीनों को पट्टा देने का वादा किया था, लेकिन सरकार में आते ही कांग्रेस इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाल चुकी है।इस संबंध में मेरे द्वारा कई बार विधानसभा में ध्यानाकर्षण भी लाया गया है लेकिन एक साल बीत जाने के बावजूद अबतक वचन का पालन नही किया गया है। उनके विधानसभा क्षेत्र में करीब 1200 भूमिहीन लोग है, जिन्हें वे पट्टा दिलाने की मांग कर रहे है।
गोयल ने कहा कि क्षेत्र की जनता के हितों की लड़ाई के लिए वह गांधीवादी तरीके से लड़ाई लड़ते रहे हैं इसलिए गरीब भूमिहीनों के हितों के लिए वे विधानसभा परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठकर सरकार का ध्यान आकर्षित कर रहे है।इससे पहले शुक्रवार को उन्होंने अपने क्षेत्र की मांगों को लेकर सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया था। कांग्रेस विधायक मुन्ना लाल गोयल ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पांच सूत्रीय मांगों का एक पत्र शुक्रवार को लिखा है। पत्र के साथ गोयल ने सीएम को अपने विधानसभा क्षेत्र में 20 साल से 1200 गरीब भूमिहीन परिवारों की सूची भी भेजी है। उन्होंने इन सभी भूमिहीनों को पट्टे देने की मांग की है।
ये है विधायक की मांगे
1.ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र के तहत पिछले 20 साल से निवास कर रहे 12100 गरीब भूमिहीन परिवारों को पट्टे देने हेतु संलग्न सूची अनुसार डीएम ग्वालियर को आदेश प्रदान करें।
2. मध्य प्रदेश में 2014 भाजपा राज्य में भूमिहीनों को पट्टे देने के लिए जो सर्वे किया गया था, इस सर्वे को निरस्त कर भूमिहीन गरीबों को पट्टे देने हेतु दोबारा सर्वे आदेश प्रदान करें.3. ग्वालियर में एडीएम अनूप सिंह द्वारा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ अभद्र व्यवहार करने की शिकायतें आ रही हैं, इसलिए इसे तत्काल ट्रांसफर किया जाए।
4. मुरार नदी के संरक्षण और रिंग रोड बनाने के प्रोजेक्ट को मंजूरी प्रदान की जाए।
5. विधायकों की समस्याओं का निराकरण करने के लिए 15 दिन में एक बार प्रत्येक संभाग के विधायकों को बुलाकर विकास कार्यों की समीक्षा की जाए।