भोपाल। प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आरिफ अकील एनआरसी और सीएए को लेकर केन्द्र सरकार पर लगातार बरस रहे हैं। उन्होंने राजधानी में होने वाली शांति मार्च में शामिल होने के लिए उन सभी को आमंत्रित किया है, जो देश की फिक्र करते हैं, जिन्हें संविधान की कद्र है और जिन्हें भाईचारे के रिश्तों से मुहब्बत है। उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा लादे गए काले कानून को लेकर कहा कि जमीन मेरी है ये आसमान मेरा है, मोहब्बतों का ये सारा जहान मेरा है, कदम-कदम पे वफाएं मेरी सदा देंगी, लहू पुकारेगा हिंदुस्तान मेरा है….!
मंत्री अकील ने भाजपा की कथनी और करनी के अंतर पर वार करते हुए कहा कि कानून बनाकर देश को बांटने की साजिश की जा रही है और इस बात को स्वीकार करने की हिम्मत भी नहीं हो रही। संसद में बैठकर संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान सीएए को लेकर अपना विरोध दर्ज करा रही हैं और यह विरोध उस वक्त तक जारी रहेगा, जब तक केन्द्र सरकार नए कानून में संशोधन नहीं कर देती। अकील ने कहा कि भाजपा अपनी दुर्गति के दिनों की तरफ बढऩा शुरू हो गई है। देश में लगातार कम होते जनाधार ने इस बात को साबित कर दिया है। सालभर के कार्यकाल में भाजपा आधा दर्जन प्रदेशों से अपनी सत्ता गंवा चुकी है। आने वाले दिनों में उसके लिए और भी बुरे हालात बनने से इंकार नहीं किया जा सकता। अकील ने कहा कि देश की अवाम भाजपा की फूट डालो नीति से वाकिफ हो चुकी है और अब उसने इस मनमर्जी करने वाली सरकार को नकारना शुुरू कर दिया है। अकील ने 25 दिसंबर को राजधानी में होने वाले शांति मार्च में शामिल होने के लिए सभी धर्म, समाज, सम्प्रदाय, जाति, वर्ग के लोगों से आह्वान किया है। उन्हांने कहा कि इस देश से मुहब्बत करने वाले, यहां के संविधान को बचाने की फिक्र करने वाले और आपसी भाईचारे के रिश्तों को कायम रखने की मंशा रखने वाले इस रैली में जरूर आएं और अपने जिंदा होने का सुबूत दें। उन्होंने कहा कि यह मौका है, जब हम अपने ऊपर लादे जाने वाले किसी भी तुगलकी आदेश, फरमान या कानून को नकारने का जोर और जोश दिखाएं, अगर यह अभी नहीं हुआ तो देश में अंधेर नगरी-चौपट राजा के हालात बन जाएंगे और कानून, संविधान, लोगों की भावनाओं से खेलने वाले हमारे ऊपर पर काबिज होकर देश के स्वरूप को नेस्तनाबूद कर देंगे।
मस्जिदों के ईमाम-मोअज्जिन भी पहुंचेंगे रैली में
मसाजिद कमेटी के सचिव एसएम सलमान ने बताया कि रोशनपुरा से निकलने वाली शांति पैदल मार्च में शामिल होने के लिए भोपाल रियासत के सभी ईमाम-मोअज्जिन को भी सूचना भेजी गई है। उन्होंने कहा कि भोपाल, रायसेन, सीहोर जिले की करीब 550 मस्जिदों के ईमाम-मोअज्जिन इस रैली में शामिल होकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे। उन्होंने कहा कि मस्जिदों से इस बात की दुआएं भी की जा रही हैं कि देश, सूबे और दुनियाभर में अमन-शांति का माहौल बरकरार रहे। मसाजिद कमेटी अध्यक्ष अब्दुल हफीज ने कहा कि दुनिया में अफरा-तफरी मचा देने वाले इस कानून का सख्त विरोध किया जाना चाहिए। लेकिन इस दौरान इस बात का ख्याल रखा जाए कि इस विरोध-प्रदर्शन से किसी को कोई नुकसान न पहुंचे, जो भी कहा जाए, वह शांतिपूर्ण तरीके से गांधी के देश के नागरिक होने की बात को चरितार्थ करते हुए कहा जाए।
रैली बन सकती है सभा
बुधवार को राजधानी में मुख्यमंत्री कमलनाथ की अगुवाई में होने वाली शांति मार्च में शामिल होने के लिए प्रदेशभर से कांग्रेसियों और अन्य लोगों की कूच करने के समाचार हैं। ऐसे में हजारों की तादाद में जमा होने वाले लोगों का रोशनपुरा से मिंटो हॉल तक निकलने वाले पैदल मार्च के लिए जगह कम पड़ सकती है। बड़ी तादाद में लोगों की मौजूदगी से मार्च के लिए बचने वाल जगह का असर यह भी हो सकता है कि यह पूरा क्षेत्र महज एक सभा का रूप ले ले और पैदल मार्च के लिए जगह ही न बच पाए। हालांकि सूत्रों ने कहा कि विरोध रैली के आयोजनकर्ता इस स्थिति को मद्देनजर रैली को रोशनपुरा से होकर मिंटो हॉल तक ले जाएंगे और इसी वापसी राजभवन के पीछे से होते हुए बाणगंगा के रास्ते वापस रोशनपुरा तक आएंगे।