भोपाल।
प्रदेश में कांग्रेस को जिलों में कार्यालय बनाने के लिए मुफ्त में जमीन नहीं मिलेगी।इसके लिए कांग्रेस को दस फीसदी की राशि जमा करना होगी।इसके बाद ही तय नियमों के अनुसार जमीन का आवंटन होगा।जल्द ही फिर आवंटन की प्रक्रिया शुरू होगी।बताया जा रहा है कि नए नियमों के अनुसार, भवनों को आवंटित की जाने वाली जमीन को कोई पदाधिकारी बेच नहीं सकेंगे। वही जमीन आवंटन की जो रजिस्ट्री होगी, उसमें जिलाध्यक्ष और उस समय पद पर जो व्यक्ति होगा उसके नाम से नामांतरण की प्रक्रिया होगी।
![कांग्रेस को अब फ्री में नही मिलेगी जमीन, चुकानी होगी इतनी राशि](https://mpbreakingnews.in/wp-content/uploads/2020/01/110520191537_0_31_10_2019-congress_19714566.jpg)
दरअसल, वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस के पास इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, सीहोर, उज्जैन, खंडवा, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट व सागर अपने भवन हैं ।वही कई अन्य जगहों पर आवंटित जमीन है, जहां कार्यालय बनाए जाने है। अब चुंकी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, पार्टी संगठन को मजबूत करने की जी तोड़ कोशिश में लगी हुई है। इसी के चलते प्रदेश कांग्रेस संगठन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से जिला कार्यालयों को जमीन उपलब्ध कराने को कहा। लेकिन कमलनाथ ने दो टूक शब्दों में कह दिया कि राजनीतिक दलों को जमीन आवंटन पूर्व(शिवराज सरकार) में तय नियमों के हिसाब से ही किया जाए। जिसके तहत जमीन की कीमत की 10 फीसदी राशि जमा करने के बाद ही भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू होगी।
इसी के साथ नियमों में बदलाव भी किए जाने है जिसके तहत भवनों को आवंटित की जाने वाली जमीन को कोई पदाधिकारी बेच नहीं सकेंगे। इसके लिए एआईसीसी और पीसीसी के पदाधिकारियों की एक समिति गठित की जाएगी। संयुक्त रूप से जब तक इस समिति की सहमति नहीं होगी जमीन या भवन की बिक्री नहीं हो सकेगी। साथ ही जमीन आवंटन की जो रजिस्ट्री होगी, उसमें जिलाध्यक्ष और उस समय पद पर जो व्यक्ति होगा उसके नाम से नामांतरण की प्रक्रिया होगी।
मैं इसका समर्थन करता हूं।कांग्रेस को इसके लिए दस फीसदी राशि जमा करना होगी। बीजेपी वालों से भी जिला कार्यालयों के लिए पैसा लेना चाहिए ।
पीसी शर्मा, कैबिनेट मंत्री, मप्र