भोपाल। कुपोषण के लिए बदनाम प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य श्योपुर जिले में बीमारी से 11 बच्चों की मौत का मामला सामने आया है। जिले के विजयपुर और कराहल क्षेत्र में अब तक 11 कुपोषित बच्चों की मौत हो चुकी है। महिला एवं बाल विकास विभाग मौत की वजह बीमारी बता रहा है। जबकि स्वास्थ्य विभाग ने मृत बच्चों को कुपोषित बताया है। फिलहाल बच्चों की मौत की जांच की जा रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग के आयुक्त बीएम ओझा श्योपुर पहुँचें हैं| कमिश्नर बीमारी से बच्चों की मौत होने के बाद हालात देखने पहुंचे हैं। इस दौरान उन्होंने मोरावन, टिकटोली, सेसईपुरा, कलमी सहराना गांव का दौरा किया।
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ओपी पाण्डेय ने कुपोषित बच्चों की मौत निमोनिया, उल्टी-दस्त, बुखार आदि बीमारियों से होने का दावा किया है। जबकि सीएमओ डॉ. एआर करोरिया ने कहा कि बच्चों की मौत की जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि अभी डॉक्टरों को बच्चों की मौत के कारण पता नहीं और महिला एवं बाल विकास विभाग ने जानलेवा बीमारियों का भी पता लगा लिया। कुपोषण से मौत का मामला उजागर होने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग बीमारियों को जिम्मेदारी ठहराने में जुट गया है।
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फील्ड मेंं नहीं जाते अफसर
कुपोषण के हालात इसलिए बिगड़े हैं, क्योंकि कई गांवों में महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर जाते ही नहीं हैं। विजयपुर के शिवलालपुरा गांव में जहां दो कुपोषितों की मौत हुई है वहां सुपरवाइजर की ड्यूटी ही नहीं लगी। कराहल ब्लॉक में 11 सुपरवाइजर के पद हैं। इनमें से एक पद रिक्त है, 2 सुपरवाइजर सस्पेंड हैं और तीन छुट्टी पर चली गई हैं। यानी 11 में से सिर्फ 5 सुपरवाइजर हैं, इनमें से एक भी मुख्यालय पर नहीं रहती।
हर साल होती है मौत
श्योपुर जिले के आदिवासी गांवों में बारिश में हर साल बच्चों की मौत का मामला सामने आता है। जिसकी वजह है कि बच्चे कुपोषित होते हैं। जब वे बीमार होते हैं तो उन्हें उपचार के लिए अस्पताल नहीं ले जाया जाता है। जबकि परिजन गांव में ही झाड़-फूंक करते हैं। बारिश की वजह से कईगांवों का रास्ता बंद हो जाता है। जिससे वाहन भी गांव में नहीं पहुंच पाते हैं।
जेडी और कलेक्टर पहुंचे कराहल, मौतों पर हुआ मंथन
महिला एवं बाल विकास विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर डीके सिद्धार्थ और कलेक्टर बसंत कुर्रे कराहल क्षेत्र के गांवों में आंनगबाडिय़ों का निरीक्षण किया, जहां पहले से ही व्यवस्थाएं जमा रखी थीं। कुपोषण से कराहल और विजयपुर में ज्यादा हुई हैं, इसलिए कराहल के एसडीएम डॉ. यूनुस कुरैशी और विजयपुर में एसडीएम सौरभ मिश्रा ने क्षेत्रीय स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की बैठक ली।