ओबीसी आरक्षण: पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की मुसीबतें बढी,विवेक तंखा की शिकायत पर तीन पर हुआ मानहानि का मामला दर्ज

Gaurav Sharma
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Defamation case : ओबीसी आरक्षण को लेकर की गई बयानबाजी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भारी पड़ी है। जबलपुर की विशेष एमपी एमएलए कोर्ट में राज्यसभा सांसद विवेक तंखा की शिकायत पर शिवराज सिंह सहित तीन अन्य के खिलाफ अपराधिक मानहानि का मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं। विवेक तंखा ने आरोप लगाया था कि ओबीसी आरक्षण के समर्थन में दिए गए उनके पक्ष को भाजपा नेताओं ने तोड़ मरोड़ कर पेश किया।

ये है पूरा मामला

मध्य प्रदेश में ओबीसी को पंचायत चुनावों मे आरक्षण देने को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच 2021 के दिसंबर महीने में शीतयुद्द हुआ था। कांग्रेस नेता और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने आरोप लगाया था कि बीजेपी जानबूझकर OBC आरक्षण के राह में रोडे अटका रही है जबकि कमलनाथ सरकार ने इसे लागू कर दिया था।

तंखा पर लगा था आरोप

इस पर दिसंबर महीने में तत्कालीन नगरीय प्रशासन मंत्री ने अपने निवास पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर कांग्रेस नेता व राज्यसभा सांसद विवेक तंखा पर आरोप लगाया था कि उन्होंने मामले को सुप्रीम कोर्ट में ला कर उलझा दिया जिसके चलते ओबीसी आरक्षण खटाई में पड़ गया यानि सीधे तौर पर ओबीसी आरक्षण लागू न होने के लिए विवेक तंखा पर दोषारोपण किया गया था।

10 करोड़ की मानहानि का दावा

इसके बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी विवेक तंखा के खिलाफ बयान बाजी की थी जिसे लेकर विवेक तंखा ने शिवराज सहित तीन अन्य के खिलाफ 10 करोड रुपए की मानहानि का दावा किया था।

इसके साथ ही उन्होंने एमपी एमएलए विशेष कोर्ट जबलपुर में भी शिवराज सहित तीन के खिलाफ अपराधिक मानहानि का मामला दर्ज करने के लिए मामला दायर किया था। तंखा ने आरोप लगाया था कि इस पूरे मामले के चलते उनकी सामाजिक छवि धूमिल हुई है लिहाजा शिवराज सहित तीन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

मामला दर्ज

शनिवार को इस मामले में फैसला सुनाते हुए विशेष न्यायालय ने शिवराज सिंह चौहान सहित तीन अन्य के खिलाफ आपराधिक मानहानि धारा 500 AG के तहत मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।

Shivraj Singh Chouhan defamation case


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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