भोपाल। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे मध्य प्रदेश के 144 गांवों से होकर गुजरेगा। यह मार्ग मप्र-राजस्थान सीमा पर मंदसौर जिले के ढाबला माधो सिंह गांव से शुरू होकर मप्र-गुजरात सीमा स्थित ढेबर गांव (झाबुआ) पर खत्म होगा। मध्यप्रदेश के हिस्से का सर्वे पूरा कर लिया गया है। यह जानकारी गुरुवार को विधानसभा में पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने विधायक राजेंद्र पांडेय के सवाल के लिखित जवाब में दी।
मंत्री ने जवाब में बताया कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के लिए मध्य प्रदेश में हिस्से का सर्वे करा लिया गया है, एक्सप्रेस-वे रतलाम जिले के 61 और मंदसौर जिले के 62 गांवों से होकर गुजरेगा। इसके लिए रतलाम और मंदसौर जिले की 1520 हेक्टेयर निजी जमीन अधिग्रहीत होगी। योजना को नौ पैकेज में बांटा गया है, जिसमें से दो पैकेज का काम संबंधित एजेंसियों को सौंपा जा चुका है। बचे सात पैकेज के लिए टेंडर प्रक्रिया में हैं।
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दिल्ली-मुंबई आठ लेन एक्सप्रेस-वे की मंदसौर जिले में लंबाई 102.20 किलोमीटर प्रस्तावित है। इसी परियोजना से संबंधित विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया के सवाल का लिखित जवाब में मंत्री ने जानकारी दी| उन्होंने बताया कि अब तक जमीन अधिग्रहण के एवज में किसी किसान को मुआवजा नहीं दिया गया है। फिलहाल मंदसौर जिले की सीतामऊ और सुवासरा में लगभग 617 किसानों का 40.86 करोड़ रुपए का मुआवजा पारित किया जा चुका है। वहीं अभी जिले के 1660 किसानों का मुआवजा पारित होना बाकी है। इसी तरह रतलाम जिले के लगभग 2603 प्रभावित किसानों के लिए 232.67 करोड़ रुपए का मुआवजा पारित किया जा चुका है। मंत्री ने बताया कि एक्सप्रेस-वे के लिए मंदसौर और रतलाम जिले की करीब 577.12 हेक्टेयर सरकारी जमीन का उपयोग किया जाएगा।