Himachal Cabinet Meeting : हिमाचल प्रदेश के शिमला में 13 फरवरी गुरूवार को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में अहम कैबिनेट बैठक बुलाई गई हैं।बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी इसके बाद मंजूरी मिलेगा।इसमें सबसे खास सबसे अहम ओपीएस की जगह यूपीएस को लागू करने का मामला है।
दरअसल, ओपीएस और एनपीएस के बीच केन्द्र सरकार द्वारा यूपीएस की घोषणा की गई है, जिसे अप्रैल 2025 से लागू किया जाना है, इस संबंध में अब केंद्र ने हिमाच प्रदेश सरकार को पत्र भेज यूपीएस लागू करने को कहा है, लेकिन इस संबंध में राज्य सरकार ने अभी जवाब नहीं दिया है।संभावना है कि कैबिनेट में यूपीएस पर विचार-विमर्श किया जाएगा।लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यूपीएस को लागू करना है या नहीं, यह मामला कैबिनेट की बैठक में डिस्कस होगा।कर्मचारियों के नफे नुकसान समेत कई पहलुओं पर विचार करेंगे।
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सत्ता में आते ही कांग्रेस ने लागू की थी OPS
- गौरतलब है कि कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद कर्मचारियों के लिए OPS लागू कर दी है। हालांकि, कई निगमों और बोर्डों में अभी इसे लागू किया जाना है।OPS को लागू करना घोषणापत्र में कांग्रेस की पहली गारंटी थी। कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के बाद जब OPS को लागू किया, तब UPS नहीं थी।
- अब केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर UPS लागू करने को कहा है।अगर राज्य में UPS लागू करती है तो केन्द्र 1600 करोड़ की आर्थिक सहायता देगी। इससे पहले भी केंद्र सरकार इसी संबंध में राज्य सरकार को एक चिट्ठी लिख चुकी है, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया।
मंत्री ने कहा था- कैबिनेट में करेंगे चर्चा
शिमला में मीडिया से बातचीत करते हुए सोमवार को लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा था कि हिमाचल प्रदेश में UPS लागू करने को लेकर कैबिनेट बैठक में चर्चा की जाएगाी।इस योजना के फायदे-नुकसान और राज्य पर पड़ने वाले वित्तीय भार को ध्यान में रखते हुए ही कोई फैसला लिया जाएगा। जब OPS लागू की गई थी, तब UPS नहीं थी। अब सीएम से इस मामले में चर्चा करेंगे और कैबिनेट में सब पहुलुओं पर चर्चा करेंगे।कौन सी स्कीम लागू करने से वित्तीय बोझ कम पड़ता है, इसको हम देखेंगे। केंद्र सरकार के पास हिमाचल के कर्मचारियों के 9000 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं।
UPS की प्रमुख बातें
- सुनिश्चित पेंशन: 25 वर्ष की न्यूनतम अर्हक सेवा के लिए सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत। यह वेतन न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा अवधि तक कम सेवा अवधि के लिए आनुपातिक होगा।
- सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन: कर्मचारी की मृत्यु से ठीक पहले उसकी पेंशन का 60 प्रतिशत।
- सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन: न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर 10,000 रुपये प्रति माह।
- महंगाई सूचकांक: सुनिश्चित पेंशन पर, सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन पर और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन पर।औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एआईसीपीई-आईडब्ल्यू) के आधार पर महंगाई राहत।सैन्य कर्मचारियों के मामले में सेवानिवृत्ति के समय ग्रेच्युटी के अतिरिक्त एकमुश्त भुगतान, सेवा के प्रत्येक पूर्ण छह महीने के लिए, सेवानिवृत्ति की तिथि पर मासिक परिलब्धियों (वेतन + डीए) का 1/10वां हिस्सा,इस भुगतान से सुनिश्चित पेंशन की धनराशि कम नहीं होगी।
OPS की प्रमुख बातें
- OPS में सरकारी कर्मचारी के रिटायर होने के बाद आखिरी मूल वेतन और महंगाई भत्ते की आधी रकम बतौर पेंशन ताउम्र सरकार के राजकोष से दी जाती है।
- OPS में हर साल दो बार महंगाई भत्ता भी बढ़कर मिलता है,पेंशन पाने वाले सरकारी कर्मचारी की मौत होने पर उसके परिवार के पेंशन दिए जाना भी ओपीएस में शामिल हैं।
- OPS में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद 20 लाख रुपए तक की ग्रेच्युटी मिलती है।
- ओपीएस में कर्मचारियों के लिए 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू किया जाता है।
- पेंशन कमीशन के लागू होने पर पेंशन रिवाइज्ड होने का फायदा भी रिटायर कर्मचारी को मिलता है।
- OPS में कर्मचारी के रिटायरमेंट पर GPF के ब्याज पर उसे किसी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता।