भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को एक बार फिर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने कहा है कि किसको नागरिकता देना है, यह अधिकार केंद्र है, फिर इस कानून की आवश्यकता क्या थी। भाजपा इस देश के मुसलमानों को डराना चाहती थी, इसलिए सीएए लाया गया।
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को भोपाल में मीडिया से बातचीत में कहा है कि पूरे देश में इस समय सीएए, एनआरसी और एनपीए पर चर्चा चल रही है। भारत के संविधान की मूल भावना सामाजिक न्याय, हर व्यक्ति को समान अधिकार देना और यह हर धर्म एवं जात के लिए है। केंद्र सरकार को किसे नागरिकता देना था, जो सीएए की जरूरत पड़ी। ये कानून इसलिए लाया गया हैं क्योंकि भाजपा को देश के मुसलमानों को डराना है। एक ओर आरएसएस कहती है कि जिसने भारत में जन्म लिया, वह हिन्दू है।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि एनआरसी को असम में लागू कर गलती हुई, फिर देश में लागू करने की बात कर रहे हैं। प्रधानमंत्री इस मामले पर खुद झूठ बोलते हैं। उन्होंने कहा कि मैं इस बात को दावे से बोल रहा हूं कि देश का हिन्दू मुस्लिम और सिख-ईसाई राष्ट्रभक्त हैं। भाजपा के राष्ट्रवाद का मापदंड सही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की नजरों में दिग्विजय सिंह देशद्रोही है। मोदी सरकार में इंटेलिजेंस फैलियर की जांच नहीं होती है, आज के समय एक वर्ग को टारगेट किया जा रहा है। देश के सभी धर्म के लोगों ने आजादी दिलाई, देश की अनेकता में एकता देश की पहचान है, जिसे मोदी-शाह बिगाड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज देश का मुसलमान डरा हुआ है। वह राजनीतिक दल और पुलिस से निराश है, वह न्यायपालिका की तरफ देख रहा है। आज देश के लोगों में इसको लेकर रोष हैं। सीएए के खिलाफ आज पूरा आंदोलन महिलाओं और बच्चों के हाथ में चला गया है। मैं इसके खिलाफ प्रदेश में दौरा करूंगा, ताकि देश में सनातनी परम्परा को जिंदा रखा जा सके। उन्होंने कहा कि मैं लोगों से अपील करूंगा कि इन लोगों की बात में नहीं आए, ये लोग बहकावे में लाकर लोगों से वोट वसूलते हैं। वहीं दिग्विजय सिंह ने राजगढ़ के ब्यावरा में हुई घटना को लेकर कहा कि भाजपा के लोग दंगा करवाना चाहते थे, वह भाजपा के कार्यकर्ता ने डीएम को गाली दी थी और एसडीएम को लात मारकर बाल खिंचे थे। इसीलिए इतना बड़ा बवाल हुआ।