भोपाल।
बीते दिनों कमलनाथ सरकार द्वारा आरएसएस के कार्यालय से सुरक्षा हटा दी गई थी, जिसके बाद भाजपा समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और भोपाल से लोकसभा प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने आपत्ति जताई थी और सुरक्षा को फिर से बहाल करने की मांग की थी।मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मांग को मानते हुए दफ्तर की सुरक्षा लौटा दी थी। अभी ये मामला ठंड़ा भी नही हुआ था कि अब दिग्विजय सिंह आरएसएस को लेकर फिर बड़ा बयान दे दिया है।दिग्विजय सिंह ने कहा है कि आरएसएस के खिलाफ बोलने से मेरी ही पार्टी के लोग मना करते हैं। मैं कहता हूं आरएसएस के खिलाफ क्यों न बोलूं। क्या इन्होंने ही हिंदुओं का ठेका लिया है।
दरअसल, गुरुवार को भोपाल से लोकसभा प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गोविंदपुरा विधासनभा क्षेत्र के कार्यकर्ता सम्मेलन में सभा संबोधित किया था,जहां ये बात कही। सिंह ने कहा कि आरएसएस के खिलाफ बोलने से मेरी ही पार्टी के लोग मना करते हैं। मैं कहता हूं आरएसएस के खिलाफ क्यों न बोलूं। क्या इन्होंने ही हिंदुओं का ठेका लिया है।वही खुद को सबसे बड़ा हिन्दू बताते हुए दिग्विजय ने कहा कि इन ठगों से ज्यादा बेहतर हिंदू तो हम हैं। मुझ पर उंगली उठाने वाले आरएसएस और भाजपा इस बात का जबाव दें..किस-किस ने नर्मदा परिक्रमा की है? दिग्विजय के बयान ने कांग्रेस मे ंफिर हड़ंकप मचा दिया है। हालांकि अभी तक इस मामले में किसी नेता की प्रतिक्रिया सामने नही आई है।
वही दिग्विजय ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि गोविंदपुरा क्षेत्र में सालों से भाजपा का कब्जा है, लेकिन क्षेत्र में विकास कार्य नहीं हुए। भाजपा को जिताया जरूर पर मिला कुछ नहीं। बीएचईएल भी कांग्रेस की देन है। नेहरूजी ने बीएचईएल को आधुनिक भारत का मंदिर कहा था। भाजपा इन सरकारी उपक्रमों को खत्म करने का काम कर रही है।
बता दे कि भोपाल लोकसभा से उम्मीदवार घोषित होने के बाद दिग्विजय यहां डेरा डाले हुए है, वे लगातार कार्यकर्ताओं और जनता के बीच पहुंच रहे है।इसी कड़ी में वे गुरुवार को भाजपा के गोविदंपुरा के क्षेत्र पहुंचे और वोटरों को लुभाने की जी तोड़ कोशिश की है। यहां सालों से बीजेपी का कब्जा है और वर्तमान में यहां से बाबूलाल गौर की बहू और पूर्व महापौर कृष्णा गौर विधायक है।वही कांग्रेस द्वारा दिग्विजय को मैदान में उतारने के बाद बीजेपी में हड़कंप मचा हुआ है, बीजेपी अबतक यहां से उम्मीदवार को नाम फायनल नही कर पाई, बीजेपी की यह देरी कांग्रेस को अपने फेवर में माहौल तैयार करने का भरपूर मौका दे रही है। अब आने वाले समय में ये देखना रोचक होगा कि दिग्विजय के खिलाफ बीजेपी किसे मैदान में उतारती है औऱ कैसे अपने किले को बचा पाती है।