खूंखार डकैत ‘जगजीवन परिहार का खात्मा’ पुलिस के पराक्रम को दिखाती एक फिल्म

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भोपाल|  समाज की सुरक्षा की खातिर अपने प्राण-न्यौछावर करने वाले पुलिस के जवानों के पराक्रम को दिखाती डॉक्यूमेंट्री फिल्म 20 से 25 जनवरी के बीच दूरदर्शन पर रिलीज़ होगी|  दिल्ली की इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) द्वारा देश के ऐसे 13 एनकाउंटर चिह्नित किए हैं, जिनमें पुलिस के जवान एवं अधिकारियों ने समाज की सुरक्षा की खातिर अपने प्राण-न्यौछावर कर दिए। इन्हीं में एक एनकाउंटर डकैत जगजीवन परिहार का है जिस पर आधारित फिल्म बनाई गई है, यह फिल्म मेरिट में चयनित हुई है|  डकैत जगजीवन परिहार को 14 मार्च 2007 में मुरैना जिले के पोरसा थाना क्षेत्र के ग्राम बुधारा के एक मकान में घेरा गया था। दो दिन चली मुठभेड़ में आतंक का पर्याय बना डकैत परिहार ढेर हो गया था, वहीं इस मुठभेड़ में पोरसा टीआई वीरेंद्र सिंह भदौरिया शहीद हो गए थे। इसके अलावा टीआई केडी सोनकिया घायल हो गए थे। इस फिल्म को भदौरिया की शहादत को समर्पित किया गया है|  

डकैत जगजीवन परिहार मुठभेड़ पर बनाई गई इस डाक्यूमेंट्री की शूटिंग मध्यप्रदेश के मुरैना में की गयी है। इस फिल्म में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डीसी सागर की प्रमुख भूमिका है, क्यों कि जब दस्यु जगजीवन परिहार पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था, तब वे चंबल पुलिस जोन के उप पुलिस महानिरीक्षक थे। मुरैना के गणेशपुरा में एक मकान को शूटिंग के लिये चिन्हित किया गया, डकैत जगजीवन परिहार का पोरसा के जिस गांव (गढ़िया-बुधारा) में एनकाउंटर किया गया था वहां वह स्थान वर्तमान में खंडहर हो चुका है। इसलिए इस जगह पर शूट किया गया है| 


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