Earth Hour Day 2024 : सीएम डॉ मोहन यादव ने प्रदेश वासियों से की ये अपील, जाने अर्थ आवर दिवस मनाने की वजह

अर्थ आवर की शुरुआत 2007 में ऑस्ट्रेलिया के शहर सिडनी से हुई थी, इसकी उद्देश्य जानकर लोग प्रभावित हुए और अगले ही साल यानि 2008 में 35 देशों ने अर्थ आवर डे मनाया, आज 178 देश हर साल अर्थ आवर डे मनाते हैं, सभी देश अपने स्थानीय समय के अनुसार मार्च के अंतिम शनिवार की रात 8:30 से 9:30 बजे एक घंटे से बिजली बंद रखते हैं।    

Atul Saxena
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CM Dr Mohan Yadav

CM Dr. Mohan Yadav’s appeal on Earth Hour : दुनिया में हर साल अर्थ आवर मनाया जाता है, मार्च महीने के अंतिम शनिवार की रात 8:30 से 9:30 तक दुनिया के लोग स्वेच्छा से लाइट बंद रखती हैं इसका मकसद ऊर्जा की बचत करना और पर्यावरण सहेजने के लिय एकजुटता का सन्देश देना है, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने प्रदेशवासियों से आज 23 मार्च को एक घंटे क एलिए बिजली बंद रखने की अपील की है।

आज रात एक घंटे के लिए पृथ्वी पर छाएगा अँधेरा 

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अपने सन्देश में प्रदेश के लोगों से अपील की है पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा बचाने के लिए हम सब आज रात 8:30 बजे से 9:30 तक  केवल एक घंटे के लिए अपने अपने घरों की बिजली बंद रखें और इस अभियान में सहयोग प्रदान करें, उन्होंने लिखा कि मुझे विश्वास है कि अर्थ आवर हम सभी को प्रकृति के संरक्षण में अपनी महती भूमिका निभाने हेतु प्रेरित करने में सफल सिद्ध होगा।

2007 में सिडनी शहर से शुरुआत हुई थी Earth Hour Day की शुरुआत 

आपको बात दें कि अर्थ आवर की शुरुआत 2007 में ऑस्ट्रेलिया के शहर सिडनी से हुई थी, इसकी उद्देश्य जानकर लोग प्रभावित हुए और अगले ही साल यानि 2008 में 35 देशों ने अर्थ आवर डे मनाया, आज 178 देश हर साल अर्थ आवर डे मनाते हैं, सभी देश अपने स्थानीय समय के अनुसार मार्च के अंतिम शनिवार की रात 8:30 से 9:30 बजे एक घंटे से बिजली बंद रखते हैं।

Earth Hour Day 2024 : सीएम डॉ मोहन यादव ने प्रदेश वासियों से की ये अपील, जाने अर्थ आवर दिवस मनाने की वजह


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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