भोपाल।
इन दिनों एमपी की राजनीति बिजली और पानी के आसपास घूम रही है।खास करके बिजली को लेकर सियासत जमकर गर्माई हुई है। एक तरफ मुख्यमंत्री कमलनाथ अखबारों में विज्ञापन देकर मप्र में पर्याप्त बिजली होने का दावा कर रहे है और कटौती के पिछली बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे है वही उनके दावो की पोल उन्ही के मंत्रियों के सामने खुलती नजर आ रही है। जी हां बुधवार को कुछ ऐसा ही वाक्या रायसेन जिले में देखने को मिला, जहां प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री को अपनी ही विधानसभा में बत्ती गुल होने के कारण अंधेरे में बैठकर लोगों की समस्या को ना सिर्फ बैठकर सुनना पड़ा बल्कि आवेदन को भी देखना पड़ा।
दरअसल, बुधवार को स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी को अपने प्रवास के दौरान सर्किट हाउस पहुंचे। वहां वे एक कक्ष में जाकर बैठ गए। उनसे मिलने के लिए लोग भी वहां पहुंचने लगे। ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोग अपने आवेदन देकर डॉ चौधरी को समस्याएं सुनाने लगे। इसी दौरान सर्किट हाउस की बिजली गुल हो गई। इससे कमरे में अंधेरा छा गया। करीब 20 मिनट तक मंत्री अंधेरे में बैठे रहे। खिड़की की माध्यम रोशनी में मंत्री चौधरी आवेदन पड़ने का प्रयास करने लगे। इस दौरान लोगों ने जनरेटर तलाशने की कोशिश की। लेकिन सर्किट हाउस में इस तरह की कोई सुविधा नहीं थी। बिजली गुल होने से लोग परेशान होने लगे और मंत्री जी भी भरी गर्मी में बैठे रहे और अंधेरे में ही लोगों के दिए कागजात देखते रहे। इस दौरान लोगों ने मंत्री जी से बिजली कटौती की भी शिकायत की और मंत्री जी सुनते रहे।
बता दे कि यह पहला मौका नही है जब कांग्रेस नेताओं के कार्यक्रमों या फिर बैठकों में लाइट गई हो। इसके पहले भी लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री कमललाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय की सभाओं में बत्ती गुल हो गई थी।जिसको लेकर बीजेपी ने कांग्रेस को लेकर खूब तंस कसे थे।
गौरतलब है कि इन दिनों प्रदेश में बिजली कटौती बड़ा मुद्दा बना हुआ है। जनता के साथ साथ विपक्ष भी सरकार का जमकर घेराव कर रही है। हालांकि सरकार द्वारा लगातार दावा किया जा रहा है प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में बिजली है और जल्द ही इस समस्या को दूर किया जाएगा।इसके लिए अधिकारियों को भी निर्देश दिए हुए है, लेकिन हालात जस के तस बने हुए है, इसका ताजा उदाहरण रायसेन मे देखने को मिला।