भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पंजीयन विभाग के कर्मचारी (MP Employees) धनतेरस के अवकाश वाले दिन ऑफिस खोले जाने के आदेश से आक्रोशित हैं। मप्र पंजीयन विभाग अधिकारी कर्मचारी संघ ने महानिरीक्षक पंजीयन के आदेश के खिलाफ विभागीय मंत्री जगदीश देवड़ा को पत्र लिखा है। पत्र में संघ ने कहा है कि धनतेरस 22 अक्टूबर को कोई भी अधिकारी कमर्चारी कार्यालय नहीं जायेगा इसलिए उप पंजीयन कार्यालय खोले जाने का आदेश वापस लिया।
मप्र पंजीयन विभाग अधिकारी कर्मचारी संघ (MP Registration Department Officer Employees Union) ने मंत्री जगदीश देवड़ा को लिखे पत्र में कहा है कि पंजीयन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी लोक सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहे हैं और आपके नेतृत्व में कार्य कर रहे हैं। संघ ने पत्र के माध्यम से चेतावनी दी कि वे किसी भी तरह के टकराव या विरोध शासन प्रशासन से नहीं चाहते इसलिए कर्मचारियों की भावनाओं का भी ध्यान रखा जाये।
संघ के पदाधिकारियों ने महानिरीक्षक पंजीयन द्वारा धनतेरस 22 अक्टूबर का अवकाश निरस्त कर उप पंजीयन कार्यालय खोले जाने का विरोध करते हुए कहा कि ऐसे अधिकारी राजस्व हित की आड़ में हिंदू त्यौहारओं को अवमूल्यित करने का प्रयास करते हैं और श्रम मानकों के विरुद्ध फैसले सुनाते हैं , जो अनुचित है।
कर्मचारी संघ ने कहा कि मप्र की सरकार हिंदू धर्म और संस्कृति की संरक्षक मानी जाती है। सरकार कर्मचारियों को दिवाली पूर्व वेतन भी इसीलिए दिया जा रहा है कि वे त्यौहार को परिवार सहित मनाएं लेकिन कुछ अधिकारी ऐसा नहीं सोचते। जहाँ तक राजस्व हानि की बात है तो धनतेरस वाले दिन व्यापारी और जनता दिवाली की तैयारी में लगी रहती है इसलिए कुछ दो चार लोग ही पंजीयन कार्यालय पहुँचते हैं और फिर मध्य प्रदेश में कोई आर्थिक आपातकाल नहीं लगा है, दो दिन बाद राजस्व प्राप्त हो जायेगा।
पत्र के माध्यम से संघ ने फैसला सुनाया है कि धनतेरस वाले दिन 22 अक्टूबर को एक भी अधिकारी कर्मचारी कार्यालय नहीं जायेगा इसलिए जनता को परेशानी ना हो इसका ध्यान रखते हुए कार्यालय खोले जाने के आदेश को वापस लेते हुए नया आदेश जारी किया जाये।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....