कोरोना के संकट काल (Corona Crisis) में किसानों (Farmers) और खेती ने ही देश में नई उम्मीद जगाई है। प्रदेश सरकार (state government) और केन्द्र सरकार (central government) हर हाल में किसानों के साथ है। कृषि मंत्री कमल पटेल (Agriculture Minister Kamal Patel) ने कहा प्राकृतिक आपदा की स्थिति में किसानों को हरसंभव मदद दी जाएगी जिससे वह कर्ज में नहीं डूबें।
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि राज्य में खरीफ की फसल (Kharif crop) के लिए 145 लाख हेक्टेयर में बोवनी का लक्ष्य था इसमें से 130 लाख हेक्टेयर में बोवनी हो चुकी है। ग्वालियर, चंबल और जबलपुर संभाग के 15 जिलों की 15 लाख हेक्टेयर में कम वर्षा के कारण बोवनी का काम प्रभावित हुआ है। इन जिलों में में धान की फसल रोपने के लिए नहरों से पानी छोड़ा जा रहा है, 15 अगस्त तक यह लक्ष्य पूरा कर लेने की उम्मीद है। सागर संभाग में उड़द की बोवनी प्रभावित हुई है लेकिन कमल पटेल ने उम्मीद जताई कि यह काम भी समय से पूरा हो जाएगा।
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि कोरोना के संकट काल में खेती और किसान देश की उम्मीद साबित हुए हैं। जब पूरा देश लॉकडाउन था तब खेतों में काम जारी रहा, किसानों ने दो टाइम के भोजन, फल, सब्जी और दूध की आपूर्ति जारी रखी। कमल पटेल ने किसानों के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करते हुए कहा कि प्राकृतिक आपदा की स्थिति में क्षतिपूर्ति दिए जाने के पर्याप्त प्रावधान हैं, वहीं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भी किसानों के लिए बड़ा सहारा है, सूखा या अतिवृष्टि की स्थिति में फसलों को हुई क्षति की भरपाई करने में पीछे नहीं रहेंगे जिससे किसान कर्ज में न फंसे। कमल पटेल ने मानसून के सामान्य रहने की प्रार्थना करते हुए बताया कि राज्य के 36 जिलों में अब तक बरसात की स्थिति सामान्य रही है, 9 जिलों में अतिवर्षा हुई है शेष जिलों में भी उन्होंने मानसून पहुंचने की उम्मीद जताते हुए राज्य खरीफ की बोवनी पर संतोष व्यक्त किया है।