भोपाल| किसानों के मुद्दों पर अक्सर सरकारें घिरती हैं| अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करने वाले किसान की सरकार से शिकायत रहती है कि सरकार जमीनी हकीकत से वाकिफ नहीं रहती| अब सरकार किसान आंदोलन से जुड़े लोगों को सलाहकार बनाने जा रही है| शिवराज सरकार में बने राज्य कृषक आयोग को सरकार ने बंद कर मप्र कृषि सलाहकार परिषद बनाने की तैयारी कर ली है|
शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में 2006 में राज्य कृषक आयोग का गठन हुआ था, जिसे अब राज्य सरकार ने बंद कर दिया है। उसकी जगह मप्र कृषि सलाहकार परिषद होगा, जिसमें किसानों के लिए आंदोलन करने वाले संगठनों के लोगों को रखा जाएगा। परिषद में भारतीय किसान संघ, राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ, भारतीय किसान यूनियन समेत अन्य किसान संगठनों के लोग शामिल होंगे।
परिषद में किसानों के अलावा विशेषज्ञ और अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा, इसको लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है, नियुक्तियों की फाइल मुख्यमंत्री सचिवालय में भेज दी गई है। नई व्यवस्था के पीछे सरकार का तर्क है कि राजनीतिक व्यक्ति को परिषद में रखने की बजाए किसान की तरह काम करने व उनके लिए लड़ने वालों को जगह दी जाएगी, ताकि किसानों की बात को न केवल प्रमुखता मिले, बल्कि उसके हिसाब से नीतियां बनें, किसानों की स्तिथि की जमीनी हकीकत भी सरकार को पता चल सके| हालांकि यह उद्देश्य तब ही सफल माना जा सकता है जब नियुक्तियां ठीक हो|