भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। बंगाल की खाड़ी में नया सिस्टम एक्टिव होने के बाद मध्यप्रदेश में एक बार फिर बारिश का दौर शुरु हो गया है। पिछले चौबीस घंटे से प्रदेशभर में झमाझम बारिश हो रही है।भोपाल समेत प्रदेश के कई जिलों में लगातार बारिश से जन-जीवन प्रभावित हो गया है। नदी-नाले उफान पर आ गए है,सड़कों पर जलभराव की स्थिति बन गई है, निचले इलाकों में पानी भरने लगा है, बांधों के गेट खोल दिए गए है। गुरुवार सुबह 8ः30 बजे से शुक्रवार सुबह 8ः30 बजे तक नरसिंहपुर में 30, सिवनी में 9.8, मलाजखंड में 9.5, खजुराहो में 7.5, टीकमगढ़ में 6.8, मंडला में 6.1, जबलपुर में 5.9, होशंगाबाद में 5.4, सागर में 4.2, भोपाल, गुना में 3.8 सेमी. बरसात हुई।
भोपाल: भदभदा का गेट खोला, कोलांस नदी उफान पर
भाेपाल की बात करे तो यहां शुक्रवार काे रात 11:30 बजे तक आधा इंच से ज्यादा बारिश हुई, इसे मिलाकर यहां अब बारिश का आंकड़ा 40 इंच पहुंच गया है, हालांकि अभी कोटा पूरा होना बाकी है, क्योंकि सामान्य बारिश 43.64 इंच तक मानी जाती है।यहां भी नदी नाले उफान पर आ गए है, काेलांस नदी भी शुक्रवार रात तक साढ़े पांच फीट पर बह रही थी, वही बड़े तालाब का जलस्तर फुल टैंक लेवल 1666.80 फीट पहुंच गया है। इधर, भदभदा डैम का एक गेट खाेल दिया गया।इससे पहले गुरुवार देर रात कलियासाेत डैम के तीन गेट खाेले गए थे।
विदिशा: नदी-नाले उफान पर, घरों में घुसा पानी, रेस्क्यू टीम रवाना
भोपाल के बाद विदिशा जिले में पिछले करीब 48 घंटे से लगातार बारिश का सिलसिला जारी है।गांवों में नदियां उफान पर आ गई है,नाले भी लबालब हो गए है। विदिशा तहसील के अहमदपुर कस्बे में घरों में पानी भरने की सूचना पर होमगार्ड की रेस्क्यू टीम रवाना की गई है। कुछ मकान बाढ़ के पानी से घिर गए हैं, जिनमें करीब 20 लोग फंसे हुए हैं। उन्हें निकालने के लिए होमगार्ड का रेस्क्यू दल सहित वह स्वयं मौके पर पहुंच रहे हैं।
बालाघाट: संपर्क टूटा, आवागमन प्रभावित
लगातार हो रही बारिश से जिले की बाघ नदी भी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है।सड़कों पर जलभराव की स्थिति बनी हुई है, कई मार्गों का संपर्क टूट गया है। महाराष्ट्र के काली सराय बांध व पुजारी बांध का पानी छोड़े जाने से जलस्तर बढ़ा है, पुल के दोनों और आवागमन बंद कर दिया गया। रजेगांव में सड़क तक पानी आ गया है। सबसे ज्यादा बारिश में महाराष्ट से सटे इलाके प्रभावित हुए है।
जबलपुर: नर्मदा लबालब, ग्वारीघाट डूबा
जबलपुर और आस-पास के इलाकों में 48 घंटों से ज्यादा से बारिश का सिलसिला जारी है लगातार बारिश से नर्मदा नदी उफान पर है, ग्वारी घाट पानी में डूब गया है। सड़कों पर जलभराव की स्थिति बनी हुई है, ग्रामीण इलाकों में संपर्क टूट गया है। बांधों के गेट खोले जा चुके है, ताकी शहर में स्थिति गंभीर ना हो। लगातार हो रही बारिश से जल जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है।
खंडवा:गांवों में धारा 144, घाटों पर प्रतिबंध
इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध के गेट खोलने के बाद नर्मदा में बाढ़ जैसी स्थिति है। खंडवा, खरगोन बड़वानी और धार जिलों को रेड अलर्ट पर रखा गया है। दोनो बांधों से लगभग 10 हजार क्यूसिक प्रति सेकंड की रफ्तार से पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे नर्मदा का जल स्तर खतरे के निशान तक पंहुच गया है।ओंकारेश्वर में सभी घाट जलमग्न हो गए हैं। घाटों तक लोगों की आवाजाही भी प्रतिबंधित कर दी गई है। प्रशासन ने नदी किनारे गांवों में धारा 144 लगा दी है। खंडवा जिला प्रशासन ने खरगोन, बड़वानी और धार जिलों में सूचना जारी कर अलर्ट कर दिया है।
नरसिंहपुर:एक ही परिवार के पांच लोगों को रेस्क्यू कर बचाया
लगातार बारिश से जिले में भी हालात बिगड गए है। शुक्रवार देर रात गाडरवारा में शक्कर नदी की बाढ़ से टीला के पास एक परिवार के 5 सदस्य फंस गए,जिसके बाद प्रशासन ने रेस्क्यू किया और सभी को निकाल सुरक्षित स्थान पर भेजा। स्थिति ये हो गई कि नदी की बाढ़ का पानी उनके घरों तक पहुंच गया था। कार्रवाई में एसडीओपी सीताराम यादव सहित पुलिस, राजस्व और गोताखोरों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
होशंगाबाद- बाढ़ से हालात बिगड़े
जिले में भी लगातार बारिश से हालात बिगड गए है।नदिया उफान पर आ गई है।स्थिति को देखते हुए सेना को बुलाया गया है, NDRF की दो यूनिट भी बुलाई गईं ,शाम तक सेना के हेलीकाप्टर होशंगाबाद आएंगे जिले भर में भारी बारिश, नर्मदा नदी का जल स्तर खतरे के निशान 964 से 4 फिट ऊपर 968.90 फिट पर पहुंच गया है और तवा डेम के सभी 13 गेटों को 30-30 फिट खोल कर 5 लाख 33 हजार 823 क्यूसिक पानी प्रति सेकेंड छोड़ा जा रहा है। कई क्षेत्रों में पानी भर गया है, जिसके बाद जिलेभर में अलर्ट जारी कर दिया गया है। घाटों से दूर रहने की हिदायद की गई है।
छतरपुर : धसान नदी उफान पर
जिले में जोरदार बारिश के कारण धसान नदी उफान पर आ गई है। हरपालपुर क्षेत्र के पहाड़ी बांध के 100 फीसदी भर जाने पर उसके सभी 19 गेट खोल दिए गए हैं। वहीं लहचूरा बांध के 17 में से 7 गेट खोले गए। वही निचले इलाकों में भी पानी भरने लगा है।
खरगोन: ओंकारेश्वर के 21 गेट खोले
ओंकारेश्वर बांध के 23 में से 21 गेट खोले दिए गए हैं। इस कारण नर्मदा के जल घाट पर स्थित साई मंदिर तक पानी पहुंच गया है। नर्मदा तट से सटे पंचायत क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर पुलिस, गोताखोर व नाविकों को मुस्तैद रखा गया है।
रायसेन : जयपुर-जबलपुर बंद , गांवों का संपर्क टूटा
हाल ही में रायसेन जिले के बाड़ी स्थित बारना बांध के सभी आठ खुले गए हैं।इसके अलावा नर्मदा के उफान पर आने से बरेली और उदयपुरा क्षेत्र के भी गांवों में पानी भर गया है।इससे नेशनल हाइवे-12 जयपुर-जबलपुर बंद हो गया। बरेली में निचली बस्तियों में पानी भरने से 40 लोगों को स्कूल में शिफ्ट किया गया। विदिशा में बीना और बावना नदी उफान पर हैं। हैदरगढ़ में कई घरों में पानी भर गया।
छिंदवाड़ा : नदी-नाले उफान पर आने से रास्ते बंद
जिले में भी लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर आ गए है और संपर्क टूट गया है, आवागमन बंद हो गया है। छिंदवाड़ा-नागपुर मार्ग पर गहरानाला उफान पर होने से रोड बंद रहा। नरसिंहपुर मार्ग पर सिंगोड़ी के समीप बने पेंच नदी के पुल के ऊपर पानी जाने के बाद इस मार्ग का भी संपर्क जिले से टूट गया। छतरपुर के आसपास के सभी रास्ते बंद रहे।सिवनी-छिंदवाड़ा मार्ग पर चौरई व झिलमिली के बीच स्थित पेच नदी का पुल से बाढ़ का पानी बहने के कारण इस मार्ग से आवागमन बाधित हो गया है। माचागोरा बांध से छोड़े जा रहे पानी के कारण नदी का जलस्तर बढ़ने के साथ ही बाढ़ का पानी पुल के ऊपर से बह रहा है। एहतियात के तौर पर इस मार्ग को फिलहाल आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है।