भोपाल/नई दिल्ली।
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को नीति आयोग की 5वीं बैठक होने वाली है। इस बैठक में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपाल, केंद्रीय मंत्री और सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगें। इस बैठक में सूखे की स्थिति, कृषि क्षेत्र के संकट, वर्षा जल संचयन और खरीफ फसल के लिए तैयारियों के मुद्दे पर विचार विमर्श होगा। बैठक में शामिल होने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ भी पहुंचे है। खबर है कि बैठक के पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनमोहन सिंह ने कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ दिल्ली में स्थित कांग्रेस मुख्यालय में क्लास ली और मार्गदर्शन दिया।वही बीजेपी को घेरने की रणनीति भी बनाई गई।
इस दौरान उन्होंने अर्थशास्त्री और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से नीति आयोग की बारीकियों के बारे समझा और वहां रखे जाने वाले अपने अजेंडे पर बात की।इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें जीडीपी के आंकड़ों को लेकर, सूखे को लेकर, किसानों की स्थिति जैसे मुद्दे शामिल थे। इसके अलावा इस बैठक में सूखी नदियों को पुनर्जीवित करने पर चर्चा की गई। बताया जा रहा है कि इन्हीं मुद्दों को कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठक में उठाएंगे। वही कांग्रेस और उनके गठबंधन में चल रही सरकार से जुड़े मुद्दों और एजेंडा पर चर्चा की गई, जिन्हें नीति आयोग की बैठक में उठाया जाएगा।इस दौरान सिंह ने बीजेपी को घेरने की रणनीति पर भी चर्चा की।
इस बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमत्री भूपेश बघेल समेत कई नेता शामिल हुए। हालांकि इस मीटिंग में पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह मौजूद नहीं थे। कहा जा रहा है कि वह बीमार हैं। हालांकि एक रिपोर्ट के मुताबिक कैप्टन इसलिए दिल्ली के दौरे पर नहीं आए हैं क्योंकि वह केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात नहीं करना चाहते।
सुत्रों की माने कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठक में किसानों से जुड़े मुद्दे खासकर कर्जमाफी के असर से जुड़ा विषय उठा सकते हैं। इससे पहले शुक्रवार रात कमलनाथ की ओर से दिए गए रात्रिभोज में गहलोत, बघेल और नारायणसामी ने शिरकत की थी और नीति आयोग की बैठक के संदर्भ में चर्चा की थी।
राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त
वहीं पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का शुक्रवार को राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त हो गया।वे एक अर्थशास्त्री भी है। वह लगभग 30 वर्षों से उच्च सदन के सदस्य रहे। इस दौरान देश की आर्थिक स्थिति में बड़े बदलाव लाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। वह दो बार देश के प्रधानमंत्री भी रहे।