पूर्व केन्द्रीय मंत्री की घर वापसी, CM कमलनाथ ने दी बड़ी जिम्मेदारी

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भोपाल। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में नेताओं की वापसी का सिलसिला तेजी से चल रहा है। अब पूर्व केंद्रीय मंत्री असलम शेरखान की कांग्रेस में वापसी हो गई है।इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने चुनाव में  उन्हें बड़ी जिम्मेदारी भी दे दी है। कमलनाथ ने उन्हें बालाघाट लोकसभा सीट का समन्वयक बनाया है। बता दे कि अरुण यादव के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए आज से दो साल पहले पार्टी के खिलाफ बयानबाजी के चलते शेरखान को निष्कासित किया गया था।लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने वापसी कर ली है, इससे कांग्रेस को बड़ी मजबूती मिलने वाली है।

दरअसल, दो साल पहले 2017  में कांग्रेस ने अपनी ही पार्टी पर बयानबाजी के चलते पूर्व केन्द्रीय मंत्री असलम शेरखान को बाहर का रास्ता दिखा दिया था।पार्टी से निष्कासित होने से पहले उन्होंने तत्कालीन  प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव को लेकर टिप्पणी की थी और उन्हें निष्कासित करने की बात कही थी। जिसके बाद पार्टी ने उन्हें ही निष्कासित कर दिया था।उन्होंने पहले अपना इस्तीफा पार्टी हाई कमान को दिया था, जिसके बाद पार्टी ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया गया था। जिसके बाद अब पार्टी ने उनकी वापसी करवा ली है और साथ ही उन्हें बालाघाट लोकसभा सीट का समन्वयक भी बना दिया है।

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बता दे कि शेरखान दो बार लोकसभा और एक बार विधानसभा का प्रत्याशी रह चुके है।इसके पहले वे राज्यमंत्री भी रहे, बाद में वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये थे, उनके ही आग्रह पर कांग्रेस ने उन्हें पुनः पार्टी में शामिल किया था और अब एक बार फिर उनकी वापसी हो गई है।

पार्टी से हटकर काम करने लगे थे शेरखान

पार्टी से निष्कासित होने के बाद मध्य प्रदेश में 2018 में होने वाले चुनाव से पहले कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री असलम शेर खान ने मुस्लिम वोट बेंक के लिए पार्टी लाइन से हटकर अपना नया दल तैयार कर लिया था। आरएसएस संगठन की तर्ज पर असलम ने अपने दल को तैयार किया था। इस दल का नाम राष्ट्रीय कांग्रेस अल्पसंख्यक दल रखा गया था। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने पूर्व में ये बात साफ कर दी थी कि पार्टी की विचार धारा और उनके पार्टी नियमों से इस दल का कोई लेना देना नहीं है। शेऱखान का मानना था कि एमपी कांग्रेस में अभी टीम वर्क का अभाव है। आगामी चुनाव में कांग्रेस की लड़ाई सरकार से नहीं अपने वजूद बचाने को लेकर है, वहीं अल्पसंख्यकों के अस्तित्व का सवाल भी है। राष्ट्रीय कांग्रेस अल्पसंख्यक दल के 50 हजार कार्यकर्ता तैयार कर 15 करोड़ का फण्ड तैयार करेंगे। जिसके बाद प्रदेश की 30 विधानसभा सीट पर मुस्लिम मतदाता से बात करेंगे और 50 लाख हर सीट पर पर फंड भी देंगे।


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