भोपाल।
मजदूरों के खाते में एक-एक हजार डालने को बीजेपी के दिग्गज नेता गोपाल भार्गव के सवाल उठाने के बाद प्रदेश में जमकर सियासत गर्मा हुई है। विपक्ष भार्गव के बयान को आधार बनाकर शिवराज सरकार की जमकर घेराबंदी करने में जुटा है। इस पूरे मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री ने सच्चाई जानने चाही तो पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने करारा जवाब दे दिया है।भार्गव ने कहा कमलनाथ जी आपको गरीब मजदूरों की चिंता कब से होने लगी।राज्य के बाहर ये मजदूर आपके ही कार्यकाल में रोजगार के अभाव पलायन कर गए थे। उनके लिए पिछली कांग्रेस सरकार ने एक पैसे की भी मदद नही की थी।
भार्गव इतने पर ही नही रुके और आगे कहा अब प्रदेश में बीजेपी की हमारी सरकार ऐसे सभी प्रवासी मजदूरों को लगातार राशि भेज रही है।सरकार द्वारा अभी तक लगभग 90 लाख रुपये तक की राशि मजदूरों को वितरित भी कर चुकी है, ऐसे समय में किसी विषय को विवादास्पद बनाना किसी भी प्रकार से उचित नही है। भार्गव बोले मेरे क्षेत्र के 32 मजदूरों को राशि मिल चुकी है ओर भी राशि मिलना सतत जारी है।
भार्गव ने कहा कि कमलनाथ जी जब आपको प्रदेश के मजदूरों और गरीबों की चिंता करनी थी उस समय आपको आईफा की ज्यादा चिंता थी। तंज कसते हुए बोले भार्गव खैर सत्ता जाने के बाद ही सही आपको गरीब और मजदूर तो याद आये।लेकिन कमलनाथ जी आप बेफ़िक्र रहिये प्रदेश में अब मजदूरों और गरीबो की चिंता करने वाली बीजेपी और शिवराज सरकार है।
ये है पूरा मामला
दरअसल, शिवराज सरकार दावा कर रही है कि मज़दूरों के खातो में एक-एक हज़ार रुपये डाल दिये गये है , वही पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव इंकार कर रहे है कि उनके क्षेत्र में मज़दूरों के खाते में पैसे नहीं पहुँचे। भाजपा टास्क फोर्स की बैठक में भार्गव ने कहा था कि मजदूरों के खाते में एक हजार रुपए देना अच्छा है, लेकिन उनके इलाके के मजदूरों की जो लिस्ट दी गई थी, उनके खाते में यह पैसा नहीं पहुंचा। भार्गव के इसी बयान को आधार बनाकर कमलनाथ ने सरकार को घेरने की कोशिश की और पूछा था कि आखिर सच्चाई क्या है, जिसको लेकर सियासत गर्मा गई थी। जिसके बाद भार्गव ने चुप्पी तोड़ी और नाथ को करारा जवाब दिया।
कमलनाथ ने ट्वीट कर मांगा था जवाब
कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा था- ‘शिवराज सरकार दावा कर रही है कि मज़दूरों के खातो में एक-एक हज़ार रुपये डाल दिये गये है , वही पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव इंकार कर रहे है कि उनके क्षेत्र में मज़दूरों के खाते में पैसे नहीं पहुँचे’। पूर्व सीएम ने आगे लिखा- ‘आख़िर सच्चाई क्या है ? सरकार ऐसे संकट के दौर में अपनी घोषणाओं पर अमल करे , ग़रीब मज़दूरों के खाते में तत्काल राशि डाले’।