भोपाल।
विधानसभा में शक्तिपरीक्षण के बाद सरकार पहले से ज्यादा मजबूत स्थिति में है। वही इस घटनाक्रम के बाद खबर आ रही है कि कांग्रेस नेताओं के अच्छे दिन आने वाले है। कमलनाथ सरकार अपने विधायकों और नेताओं को फील गुड कराने के लिए जल्द नई जिम्मेदारी देने की तैयारी में है। इसमें कई कांग्रेस नेता और वर्तमान विधायक शामिल है। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य सरकार और संगठन के बीच समन्वय स्थापित करना है।
कयास लगाए जा रहे है कि आगामी चुनाव को देखते हुए सरकार कांग्रेस नेताओं और विधायकों को नई जिम्मेदारी देकर उन्हें खुश कर सकती है। इसमें सबसे पहला नाम सीएम कमलनाथ के लिए अपनी विधायकी छोड़ने वाले दीपक सक्सेना है, जिनको खनिज निगम का अध्यक्ष बनाया जा सकता है।इसके अलावा पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह को योजना आयोग का उपाध्यक्ष , कांग्रेस महामंत्री राजीव सिंह को हाउसिंग बोर्ड काअध्यक्ष और पूर्व मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा को मीडिया सलाहकार की जिम्मेदारी दी जा सकती है।वही ग्वालियर के कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक को भी बड़ा पद दिए जाने की चर्चा है, उन्हें लेकर स्थानीय ब्राह्मण समाज लामबंदी भी कर रहा है।
चुंकी हाल ही में पीसीसी के उपाध्यक्ष ग्वालियर के अशोक सिंह को एपेक्स बैंक का प्रशासक बनाया गया था। वहीं हाल ही में कद्दावर नेता और ग्वालियर पूर्व के विधायक मुन्नालाल गोयल को शहर के दूसरे सबसे बड़े राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विवि का बोर्ड मेंबर( प्रबंध मंडल) बनाया गया है। मुन्नालाल गोयल पहली बार विधायक बने हैं, लेकिन स्थानीय कांग्रेस की राजनीति में वे एक मजबूत नेता माने जाते हैं।राजनीति जानकारों की माने तो वैश्य समाज को साधने के लिए सरकार ने यह दांव खेला है।उम्मीद की जा रही है कि बाकियों को भी नई जिम्मेदारी देकर सरकार फील गुड करवा सकती है।