विधानसभा में कर्जमाफी, बिजली और दुष्कर्म के मुद्दे पर घिरेगी सरकार, विपक्ष ने की तैयारी

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भोपाल। प्रदेश की कमलनाथ सरकार अगले महीने विधानसभा के मानसून सत्र में पहला बजट पेश करने जा रही है। बजट सत्र में विपक्ष सरकार को हर मोर्चे पर फेल बताने की कोशिश करेगा। कर्जमाफी, बिजली संकट, जल संकट एवं प्रदेश में मासूमों के साथ बढ़ते अपराधों के मुद्दों को जोरशोर से उठाया जाएगा। कर्जमाफी को लेकर विपक्ष विधानसभा में ऐसे किसानों की सूची मांग सकता है, जिनका कर्जमाफ कर बैंक से नोड्यूज दिया गया हो। 

विधानसभा सत्र में सरकार की घेराबंदी करने के लिए नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव की ओर से भी विधायकों को निर्देशित किया जाएगा कि वे अपने-अपने क्षेत्र से जनहित के जुड़े मुद्दों को विधानसभा में पूरी ताकत के साथ उठाए। जिसमें किसान कर्जमाफी, महिला अपराध, भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था आदि प्रमुख मुद्दे रहेंगे। बताया गया कि भाजपा कांगे्रस के वचन पत्र के ऐसे बिंदुओं को मुद्दा बनाने जा रही है, जो कांग्रेस सरकार ने अभी तक पूरा नहीं किए हैं। प्रदेश में पिछले कुछ महीनों के भीतर मासूमों के अपहरण, हत्या और दुष्कर्म जैसे मुद्दों को जोरशोर से उठाया जाएगा। विधानसभा में जल संकट, किसान के मुद्दे पर चर्चा भी कराई जा सकती है। इस दौरान सरकार पर तबादला उद्योग चलाने का भी आरोप लगाया जाएगा। 

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अपहरण, हत्या, दुष्कर्म पर गूजेंगी विधानसभा

विधानसभा में इस बार सालों पर अपहरण कांड का मुद्दा गूंजेगा। क्योंकि कांग्रेस सरकार आने के बाद प्रदेश के रीवा, ग्वालियर, चंबल, बुंदेलखंड क्षेत्र में अपहरण की वारदातें हुई हैं। जिसमें फिरौती वसूलने जैसी जानकारी भी सामने आई है। भाजपा इस मुद्दे को विधानसभा में भुनाएगी। क्योंकि कांग्रेस की पूर्व की सरकारों के समय भी प्रदेश में अपहरण का धंधा खूब फलाफूला था। इसी तरह मासूमों के साथ दुष्कर्म की वारदात एवं हत्या के बढ्ते ग्राफ को लेकर भी सरकार की मुसीबत बढ़ेगी। 

किसान पर रहेगा फोकस

कर्जमाफी को वादाखिलाफ बताकर भाजपा की कोशिश रहेगी कि कांग्रेस के प्रति किसानों में आक्रोश पैदा किया जाए। क्योंकि कांगे्रस के कर्जमाफी के  वचन की वजह से ही प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ है। हालांकि भाजपा को हाल ही में लोकसभा चुनाव में मिले नतीजों से उम्मीद है कि कर्जमाफी से कांग्रेस को ज्यादा फायदा नहीं हुआ, बल्कि किसानों ने कांग्रेस के विरोध में वोट किया है। इसके अलावा समर्थन मूल्यों पर बेची गई फसलों के दाम, समर्थन मूल्य केंद्रों पर किसानों से तुलाई के नाम पर की गई अवैध वसूली को भी मुद़दा बनाया जाएगा। 


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