भोपाल। प्रदेश में गौशालाएं खोलने में फिसड्डी सरकार अब आम नागरिक एवं सेवी संस्थाओं से गौशाला खोलने की अपील कर रही है। इसके लिए सरकार की ओर से गौशाला खोलने के लिए जमीन मुहैया कराई जाएगी। साथ ही सरकार ने तय किया है कि जिला पशु कल्याण समितियों का पुनर्गठन कर ब्लॉक स्तर पर भी पशु कल्याण समिति गठित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने गौशाला प्रोजेक्ट की समीक्षा करते हुए निजी संस्थाओं को गौशाला खोलने के लिए आगे आने को कहा है।
गौशाला खोलने का कांग्रेस ने चुनावी घोषणा पत्र में वचन दिया था। मुख्यमंत्री ने पद संभालते हुए गौशाला खोलने का आदेश जारी किया था। साथ ही सरकार ने पहली कैबिनेट में प्रदेश में 1000 गौशालाएं खोलने का लक्ष्य तय किया था। हालांकि इस दिशा में सरकार लक्ष्य के अनुसार काम नहीं कर पाई है। मुख्यमंत्री नाथ ने कहा कि प्रोजेक्ट गौ-शाला के कार्यों में गति लाई जाए और समय-सीमा निर्धारित कर मुझे जानकारी दी जाए कि कौन-सी गौ-शाला कब तक शुरू हो जाएगी।
गाय संरक्षण के लिए खड़ा करें आंदोलन
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में गायों के संरक्षण के लिए आंदोलन खड़ा कर इससे अधिक से अधिक लोगों को जोडऩे को कहा। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य और लक्ष्य एक ही है कि पूरे प्रदेश में अधिक से अधिक गौ-शाला खुलें, चाहे वो शासकीय स्तर पर हों या निजी क्षेत्र के सहयोग से। मुख्यमंत्री ने विदेशों में भी अप्रवासी भारतीयों के बीच गौ-शाला प्रोजेक्ट का व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा। गौ-शालाओं के प्रबंधन में आम लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिये आवश्यक पहल करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पशु चारे के लिये अनुदान राशि 20 रुपये प्रतिदिन कर दी गई है।