भोपाल| नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे अतिथि विद्वानों को सरकार ने बड़ा फैसला किया है| किसी भी अतिथि विद्वान को बाहर नहीं किया जाएगा| नियमितिकरण को लेकर समिति का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया है|
बुधवार को मंत्री जीतू पटवारी, पीसी शर्मा और गोविंद सिंह राजपूज ने विधानसभा में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। मंत्री पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश में कोई भी अतिथि विद्वान को नौकरी से नहीं निकाला नहीं जाएगा, इनकी सेवाओं को जारी रखा जाएगा। इससे नियमितिकरण की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे अतिथि विद्वानों को राहत देने की कोशिश की गई है। मंत्री ने यह भी कहा कि इसके लिए अतिथि विद्वानों के नियमितिकरण को लेकर समिति का गठन किया जाएगा।
मंत्री पटवारी के मुताबिक अतिथि विद्वान पहले की तरह कार्य करेंगे। क्रीड़ा या ग्रंथपाल में कार्यरत वे अतिथि विद्वान जिन्हें पीएससी से मौका मिला, लेकिन जो पहले से भी हैं वह भी काम करेंगे। जीतू पटवारी ने आश्वासन दिया है कि कोई भी अतिथि विद्वान बाहर नहीं किए जाएंगे। जीतू पटवारी ने अतिथि विद्वानों से काम पर वापस लौटने की अपील की है। उन्होंने पूर्व की शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘हमारी सरकार ने जो वचन दिया है उसे हम पूरा करेंगे’, लेकिन पुरानी सरकार की गलतियों के चलते प्रदेश का हर वर्ग परेशान है। उन्होंने अतिथि विद्वानों की परेशानी के लिए शिवराज सिंह और उनकी पूर्व सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।