महासंघ का आरोप है कि वह अब सरकार को स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, आयुष, विभागो की लापरवाही, मनमानी, तानाशाही से अवगत कराएंगे, सीएम को बताया जाएगा कि प्रदेश के कर्मचारी कितने त्रस्त,परेशान है, महासंघ का कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री संवेदनशील हे अधिकारी कर्मचारी हितेषी है, समूचे प्रदेश के लोकप्रिय है, यहां तक 24 घंटे प्रदेश की सेवा में लगे रहते है, मात्र 2 घंटे ही कभी सोते है, उन्हे सिर्फ प्रदेश की चिंता है और वह चिंतन में ही लगे रहते है, लेकिन इसके बाबजूद भी विभागों की कोई चिंता नहीं हे यह प्रदेश का दुर्भाग्य है।
दी चेतावनी
दरअसल स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग एवं आयुष विभाग की नैतिक मांगो को सूचीबद्ध कर स्वास्थ अधिकारी कर्मचारी महासंघ 41 सूत्रीय मांग पत्र को कई बार मध्य प्रदेश शासन एवं सम्बन्धित शासन विभाग को सौंप चुका है। लेकिन अब तक तक शासन, विभाओं के स्तर पर मांग पत्र पर सकारात्मक कार्यवाही न होने के कारण प्रदेश के स्वास्थ्य अधिकारियों, कर्मचारियों में नाराजगी है। संघ ने चेतावनी दी है कि अगर 21 दिसंबर तक सरकार उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं देती है तो पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य कर्मी और अधिकारी हड़ताल पर चले जायेगे।