जबलपुर/भोपाल
एक तरफ जहां देशभर में शराब की दुकान खुलने के बाद अलग तरह के नजारे सामने आ रहे हैं, वहीं मध्यप्रदेश में शराब ठेकेदार (liquor contractors) और शिवराज सरकार (shivraj government) एक दूसरे के आमने सामने है। इनका ये विवाद अब हाईकोर्ट (High Court) तक जा पहुंचा है जहां शराब ठेकेदारों की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस (notice) जारी कर 2 हफ्तों में जवाब देने को कहा है।
बता दें कि भोपाल, इंदौर और जबलपुर क्षेत्र के शराब ठेकेदारों ने हाईकोर्ट (Hogh Court) में याचिका दायर कर कहा है कि जब शराब की दुकानें (liquor shop) खोलने के तय समय में कमी की गई है तो फिर बिड (bid) के दौरान उनसे ली गई राशि को भी कम किया जाना चाहिए। दुकानों के खोलने के समय में कमी के बाद भी उनसे पूर्व निर्धारित राशि को कम क्यों नहीं किया जा रहा है। इस मामले में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एके मित्तल व न्यायाधीश विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने राज्य सरकार को नोटिस (notice) जारी किया है और 2 हफ्ते में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 19 मई को होगी।
अलग अलग जिलों के 30 शराब ठेकेदारों ने सरकार के खिलाफ अपनी याचिका (petition) में मांग की है कि पहले दिन में 14 घंटे शराब की दुकान खोलने की अनुमति थी साथ ही अहाता खोलने की परमिशन (permission) भी मिली हुई थी। लेकिन कोरोना क्राइसिस (corona) में पहले तो लॉकडाउन के दौरान शराब दुकानें पूरी तरह बंद कर दी गई और अब जब खोलने की अनुमति मिली भी है तो अलग अलग स्थानों पर दिन में 4-6 घंटे ही दुकानें खोली जा सकती है। इसके बाद भी सरकार द्वारा निर्धारित राशि में कमी नहीं की गई है। इस मांग को लेकर कई ठेकेदारों ने अनुमति मिलने के बाद भी अपनी दुकानें बंद ही रखी थी जिसके बाद राज्य सरकार द्वारा उनपर सख्ती करते हुए जमा राशि जब्त करने की चेतावनी दी गई थी। इसी से गुस्साए शराब ठेकेदारों ने हाईकोर्ट की शरण ली है जहां वो मांग कर रहे हैं कि या तो जमा की गई राशि लौटाकर सरकार नए सिरे से ठेकों का आवंटन करे या फिर उनकी बिड राशि कम की जाए। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 19 मई को होगी।