Gwalior News : उंगली पर मतदान की स्याही का निशान दिखाया, चिड़ियाघर, फिश एक्वेरियम और वोट क्लब के टिकट पर मिला 50% डिस्काउंट

ग्वालियर के चिड़ियाघर पर सैलानियों की भारी भीड़ देखी गई, करीब 900 सैलानी गंध इप्रनी उद्यान पहुंचे उनमें से 300 लोगों ने ऊँगली पर मतदान की स्याही का निशान दिखाकर टिकट में 50 प्रतिशत छूट का लाभ उठाया इसी तरह फिश एक्वेरियम और बोट क्लब पर भी सैलानियों को 50% की छूट दी गई, लोगों ने यहाँ भी उत्साह से इस ऑफर का लाभ उठाया।

Atul Saxena
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Gwalior News : लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में कल 7 मई को ग्वालियर लोकसभा सीट के लिए भी मतदान हुआ था, पहले दो चरणों की सीटों पर कम मतदान को देखते हुए तीसरे चरण में मतदान बढ़ाने के लिए सामाजिक और शासकीय स्तर पर प्रयास किये गए, इसके लिए नगर निगम की तरफ से कहा गया था कि जो उंगली पर मतदान की स्याही दिखायेगा उसे टिकट में 50 प्रतिशत की रियायत दी जाएगी, जिसका लोगों ने खूब फायदा उठाया।

ग्वालियर में मतदान के बाद नगर निगम द्वारा संचालित चिड़ियाघर (गांधी प्राणी उद्यान), मछलीघर और बोत क्लब पर बहुत सैलानी पहुंचे, उन्होंने टिकट काउंटर पर अपनी ऊँगली का निशान दिखाया तो उन्हें 50 प्रतिशत यानि आधी कीमत पर टिकट मिला जिसे देखकर वे बहुत खुश हुए।

चिड़ियाघर पहुंचे 300 सैलानियों को मिला 50 प्रतिशत छूट का लाभ 

ग्वालियर के चिड़ियाघर पर सैलानियों की भारी भीड़ देखी गई, करीब 900 सैलानी गांधी प्राणी उद्यान पहुंचे उनमें से 300 लोगों ने उंगली पर मतदान की स्याही का निशान दिखाकर टिकट में 50 प्रतिशत छूट का लाभ उठाया इसी तरह फिश एक्वेरियम और बोट क्लब पर भी सैलानियों को 50% की छूट दी गई, लोगों ने यहाँ भी उत्साह से इस ऑफर का लाभ उठाया।

ज्वेलरी शोरूम और अन्य शॉप्स में भी मिल रहा ऑफर 

उधर शहर में ज्वेलरी शोरूम, जनरल स्टोर, क्लोथ स्टोर्स, सहित अन्य बड़े और छोटे दुकानदारों ने भी उनके यहाँ की खरीद पर 10 से 30 प्रतिशत की छूट की घोषणा की थी , मतदान करने वाले लोग इन शॉप्स पर भी पहुंच रहे हैं और छूट का लाभ उठा रहे हैं।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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