भोपाल। मध्य प्रदेश में सड़क हादसों के लिए जिम्मेदार बढ़ती जनसंख्या है, यह मानना है ��ाज्य के गृहमंत्री बाला बच्चन का। गृहमंत्री का मानना है कि प्रदेश में जनसंख्या वृद्धि के कारण सड़क हादसे हो रहे है। बीजेपी विधायक के विधानसभा में लगाए गए एक प्रश्न पर गृहमंत्री ने यह जवाब दिया है। अब तक कांग्रेस बदहाल सड़कों को हादसों के लिए जिम्मेदार बताते हुए पूर्व की सरकार पर आरोप लगाती रही है, लेकिन सरकार में आते ही अब नजरिया बदल गया है, जिसको लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
दरअसल, भाजपा विधायक कमल पटेल ने विधानसभा में सड़क हादसों को लेकर सवाल लगाया था और गृहमंत्री से पूछा था कि एक दिसबंर 2018 से 12 जून 2019 तक किस किस जिले में सड़क हादसे हुए और कितनों लोगों की मौत हुई। साथ ही किन जिलों में ओवरलोड डंपरों के कारण लोगों की मौत हुई। सड़क हादसों के क्या कारण है और सरकार ने इस संबंध में क्या उपाए किए है। इस पर गृहमंत्री ने जवाब दिया है कि प्रदेश में सड़क हादसों का कारण जनसंख्या और वाहनों में बढ़ोतरी होना है। सरकार द्वारा आईटीएमएस आधुनिक तकनीक और डायल 100 का उपयोग किया जाकर हादसों की रोकथाम के लिए प्रय़ास किए जा रहे है।
जब कांग्रेस विपक्ष मे थी, तब आए दिन सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट को आधार बनाकर तत्कालीन शिवराज सरकार को घेरा करती थी। कांग्रेस सड़क हादसों के लिए बदहाल सड़कों को जिम्मेदार मानती थी, लेकिन अब सरकार में आने के बाद बढ़ती जनसंख्या और वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी को दोषी बता रही है। गृहमंत्री के इस जवाब पर बीजेपी ने सवाल उठाये हैं, बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने सोशल मीडिया पर सरकार पर तंज कसा है।
साढ़े छह महीने में साढ़े छह हजार लोगों की मौत
गृहमंत्री बाला बच्चन ने विधानसभा में बताया कि राज्य में पिछले साढ़े छह महीने में सड़क हादसों में लगभग साढ़े छह हजार लोगों की मौत हो गई। गृहमंत्री ने लिखित जवाब में बताया कि प्रदेश में एक दिसम्बर 2018 से इस साल 12 जून तक सड़क हादसों में कुल छह हजार 567 लोगों ने अपनी जान गंवाई। सर्वाधिक मौतें धार में 326 हुईं। राजधानी भोपाल में इस अवधि में 162 लोग, इंदौर में 168, ग्वालियर में 169 और जबलपुर में 251 लोग सड़क हादसों का शिकार बने।