अब खुले में मेडिकल अपशिष्ट नहीं छोड़ पाएंगे अस्पताल और नर्सिंग होम

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भोपाल। प्रदेश के विभिन्न शहरों में संचालित निजी अस्पताल एवं नर्सिंग होम पर खुले में मेडिकल अपशिष्ट नहीं छोड़ेंगे। अब अपशिष्ट केा नष्ट करने के लिए इकाई की स्थापना की गई है। खुले में अपशिष्ट छोडऩे वाले संस्थाओं पर कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश में  जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन के लिये प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 13 स्थानों पर संयुक्त जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था की गई है। इन स्थानों पर चिकित्सीय अपशिष्टों का परिवहन करने वाले 820 वाहनों में जीपीएस उपकरण लगाये गये हैं।

जीव चिकित्सा अपशिष्ट को 4 श्रेणियों में बाँटा गया है। राज्य में इनके उपचार की विभिन्न पद्धतियों जैसे इन्सीरिनेशन, ऑटोक्लेविंग, माइक्रोवेविंग रासायनिक उपचार, कटिंग, ग्रेडिंग तथा भूमि में गहरा गड्डा किया जाकर उपयोग करना प्रमुख है। अधिकांश चिकित्सालय एवं निजी नर्सिंग होम आबादी वाले क्षेत्रों में हैं। इनके कचरे के डिस्पोजल की अलग से व्यवस्था नहीं होने के कारण उपचार की यह व्यवस्था की गई है। प्रदेश में प्रतिदिन लगभग 11 टन अपशिष्ट का निष्पादन वैज्ञानिक तरीके से किया जा रहा है।


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