सतपुड़ा भवन में आग मामले में मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, कलेक्टर, कमिश्नर और नगर निगम को भेजा नोटिस

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BHOPAL NEWS : भोपाल के सतपुड़ा आग मामले में मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान लिया है, मामले में घटना को लेकर कलेक्टर, कमिश्नर और नगर निगम को नोटिस भेजा है, वही इस मामले की जांच कर 3 सप्ताह में जवाब  मांगा है, दरअसल नगर निगम फायर ब्रिगेड में 80 फीसदी दमकल कर्मी दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी है जो आग बुझाते वक्त बेबस नजर आए, आग पर काबू नहीं पाने में सबसे बड़ी वजह अनट्रेंड फायरफाइटर्स और आधे अधूरे आउटडेटेड संसाधन रहे।

फायर ब्रिगेड के 80 फीसद स्टाफ अनट्रेंड

दरअसल भोपाल के फायर ब्रिगेड के 80 फीसद स्टाफ अनट्रेंड हैं और दैनिक वेतन भोगी कर्मी के अप्रशिक्षित होने की वजह से उन्हें कार्य का खासा अनुभव नहीं है। ऐसे में आग को बुझाने की मशक्कत बड़ी लंबी चली और 14 घंटे के बाद आग पर काबू पाया गया था। भीषण आगजनी के बीच कर्मियों के पास आग बुझाने की ट्रेनिंग नहीं होना, बड़े गंभीर सवाल खड़े कर रहा हैं।

50% कम दमकल वाहन व्यवस्था

फायर ब्रिगेड अमले की बात की जाए तो 32 फायर फाइटर वाहन के अलावा यहां भी 50% कम दमकल वाहन व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर रही है। अमले के पास 20 से 46 साल पुराने दमकल वाहन है जबकि नेशनल एडवाइजरी कमिटी के अनुसार दमकल वाहन के काम करने की उम्र महज 10 साल मानी जाती है। ऐसे में चरमराई व्यवस्था के साथ फायर ब्रिगेड द्वारा कंडम हो चुके वाहनों से आग बुझाई जा रही है।

कर्मचारियों की संख्या भी बेहद कम

फायर ब्रिगेड हमले में 800 से 1000 कर्मचारी की जरूरत थी लेकिन अमले के पास कर्मचारियों की संख्या भी बेहद कम है। सिर्फ 400 कर्मचारी सहित 50% स्टाफ की कमी विभाग की व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगा रही है। इसके साथ ही अमले के पास दो हाइड्रोक्लोरिक वाहन मिले हैं। जिनमें एक 30 साल से भी अधिक पुराना है। 2023 में खरीदे गए करोड़ों के एलटीटी वाहन को सतपुड़ा की आग बुझाने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी है। वही लेटेस्ट तकनीक से लैस वाहन के भवन परिसर में ले जाने में काफी परेशानी देखने को मिली है।


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Sushma Bhardwaj

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