MP विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर का महत्वपूर्ण फैसला, लंबित प्रश्नों के उत्तर के लिए बनाए गए ये नियम

विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने स्थायी आदेश के अध्याय-तीन 'प्रश्न और अल्प सूचना प्रश्न' के अंतर्गत कंडिका 13-क. के बाद नवीन कंडिका 13-ख. को अन्तःस्थापित किया गया है।

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MP Budget Session: मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा” प्रश्न एवं अल्प सूचना प्रश्न” की कंडिका में बदलाव किया गया है। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा यह फैसला गुरुवार को लिया गया। इस नए संशोधन के तहत विधानसभा में लंबित प्रश्नों के उत्तर विधानसभा के कार्यकाल के समापन के बाद भी दिया जा सकेगा। बता दें इसके पहले तक विधानसभा के समापन के बाद सदस्यों के लंबित प्रश्नों के जवाब नहीं दिए जाते थे और लोकहित के कई मुद्दों पर कार्यवाही नहीं किया जा सकता था। जिसके कारण यह फैसला लोकहित के लिए एक बड़ा फैसला माना जा रहा है।

लंबित प्रश्नों को शून्य और व्यपगत नहीं किया जाएगा

गौरतलब है कि 3 दिसंबर को मप्र विधानसभा चुनाव 2023 का परिणाम आया था। जहां बीजेपी को बंपर जीत मिली थी। जिसके बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को 20 दिसंबर 2023 को विधानसभा अध्यक्ष चुना गया। उसी दौरान विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने इस संबंध में ऐलान किया था। इस फैसले से विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने पर प्रश्न संदर्भ समिति के पास सदस्यों के लंबित प्रश्नों को शून्य और व्यपगत नहीं होगा। वहीं प्रश्न और संदर्भ समिति द्वारा इस संबंध परीक्षण करेगी। जिसके बाद लंबित प्रकरणों की समिति द्वारा अनुशंसा कर रिपोर्ट पेश किया जाएगा।

विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने स्थायी आदेश के अध्याय-तीन ‘प्रश्न और अल्प सूचना प्रश्न’ के अंतर्गत कंडिका 13-क. के बाद नवीन कंडिका 13-ख. को अन्तःस्थापित किया गया है।

चौदहवीं और पंद्रहवीं विधानसभा लंबित प्रश्नों पर लागू होगा नियम

वहीं यह संशोधन चौदहवीं और पंद्रहवीं विधानसभा के लंबित प्रश्नों पर लागू होगी। बता दें पंद्रहवीं विधानसभा में फरवरी 2023 तक कुल 805 प्रश्न लंबित थे। जिन्हें अब व्यपगत नहीं किया जाएगा। अब इन प्रश्नों को प्रश्न एवं संदर्भ समिति द्वारा अनुशंसा कर रिपोर्ट पेश किया जाएगा।

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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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