भोपाल| सत्ता और संगठन की नजर में आने के लिए जिला स्तर के नेता अब तक कांग्रेस के तय धरना प्रदर्शन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते थे| लेकिन अब पार्षद के लिए टिकट चाहने वालों और राजनीतिक नियुक्तियों का लाभ लेने वालों को दिल्ली में अपनी ताकत दिखानी होगी| केंद्र सरकार के खिलाफ 14 दिसंबर को दिल्ली में होने वाले कांग्रेस के प्रदर्शन में ऐसे नेताओं को ज्यादा से ज्यादा भीड़ जुटानी होगी|
सूत्रों की माने तो कांग्रेस के प्रदेश संगठन ने वादा किया है कि जो नेता ज्यादा से ज्यादा लोगों को दिल्ली लेकर जाएंगे उन्हें नगरीय निकाय चुनाव, संगठन और सरकार में महत्व दिया जाएगा| कांग्रेस ने यह तय किया है कि प्रदेश भर से 50 हजार से अधिक लोगों को दिल्ली लेकर जायेगी| इस टारगेट के लिए संगठन ने नेताओं को जिम्मेदारियां सौंपी है|
इसके लिए मंत्री से लेकर स्थानीय स्तर तक के नेताओं को जुटाया गया है | अब प्रदर्शन में ज्यादा से ज्यादा भीड़ जुटाने के लिए पार्षद का टिकट की चाह रखने वाले को भी शामिल किया गया है | प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश संगठन ने वादा किया है कि जो नेता ज्यादा से ज्यादा लोगों को लेकर दिल्ली जाएंगे उन्हें नगरी निकाय चुनाव में महत्त्व दिया जाएगा।
गौरतलब है कि इस बार से पार्षदों के ही चुनाव होंगे और वे ही महापौर या नपाध्यक्ष का चुनाव करेंगे| इससे अब तक जो बड़े नेता महापौर और नपा अध्यक्ष के लिए चुनाव लड़ते थे उन्हें अब पार्षद का चुनाव तो लड़ना ही होगा, ऐसे में कम्पटीशन भी भारी देखने को मिलेगा और पार्टी के कार्यक्रमों में सक्रिय रहने वालों को तरजीह मिलेगी| जो पार्षद का चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं है उन्हें संगठन में महत्व और पद दिए जाएंगे|