भोपाल। स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 में 19 वे पायदान पर फिसलने के बाद भी नगर निगम की नींद नहीं खुली है…. निगम प्रशासन ने साफ-सफाई व्यवस्था में सुधार लाने के लिए अब तक कोई भी बेहतर कार्य़योजना नहीं बनाई है….और पूर्व में चली आ रही योजनाओँ पर भी निगम के अमले ने ब्रेक लगा दिया है….. दरअसल पब्लिक पलैस पर गंदगी फैलाने वालों पर निगम की तरफ से स्पॉट फाइन लगाया जाता था….. जिसे अब पूरी तरह से बंद कर दिया है….निगम की तरफ से पिछडे और स्लम क्षेत्रों में जनजागरूकता के लिए होने वाला प्रचार-प्रसार भी बंद हो गया है…. इतना ही नहीं कारोबारी, होटल, दुकानदार, सब्जी विक्रेता ने भी अपनी दुकानों के पास से डस्टबिन हटा लिए हैं….लेकिन हैरानी की बात है इतना सब होने के बाद भी नगर निगम आंख मूंद कर बैठा है….
बीते समय में निगम लगातार स्पॉट फाइन व्यवस्था को लागू करने की मांग कर रहा था लेकिन तब तक सरकार के तरफ से स्पॉट फाइन की दरें लागू नहीं की गई थी….. पर अब जब सरकार ने स्पॉट फाइन की दरे तय कर दी हैं… तो नगर निगम फाइन वसूलने को राजी नहीं है….
सरकार ने तय की है स्पॉट फाइन की यह दर्रें
1. सार्वजनिक स्थान पर थूकने पर 100 रूपए फाइन
2. सार्वजनिक स्थान पर पेशाब करने पर 250 रूपए फाइन
3. सार्वजनिक स्थान पर शौच करने पर 500 रूपए फाइन
4. अधिसूचित क्षेत्र से हटकर पशु पालन करने या पशुओं को खुला छोडने पर 1000 रूपए फाइन
5. गंदगी फैलाने पर 250 रूपए फाइन