भोपाल, डेस्क रिपोर्ट
पूर्व केन्द्रीय मंत्री और वर्तमान में भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के भाजपा में जाते ही कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) को बड़ा तोहफा दिया है।हाईकमान ने एक पांच सदस्यीय टीम का गठन किया है जिसमें दिग्विजय सिंह को भी शामिल किया गया है। मध्यप्रदेश उपचुनाव (MP Byelection) से पहले टीम में शामिल करने से साफ हो गया है कि एआइसीसी (AICC) में दिग्विजय का कद फिर से बढ़ गया है।

दरअसल, 2018 के विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस हाईकमान ने दिग्विजय को नजर अंदाज करना शुरु कर दिया था। कमलनाथ और सिंधिया के फ्रंट फुट पर आते ही टिकट वितरण से लेकर रणनीतियों तक में दिग्विजय से दूरी रखी जानी लगी थी। इसकी चर्चाएं भी मीडिया में सुर्खियां बनी थी। वही उनकी बयानों से भी पार्टी को काफी नुकसान होने की खबरें भी चर्चाओं में रही थी।साथ ही कहा जा रहा है कि सिंधिया और गांधी परिवार की नदजदीकियों के कारण भी दिग्विजय सिंह को केन्द्र में मौका नहीं मिल रहा था। लेकिन सिंधिया के बीजेपी जाने और कांग्रेस द्वारा मप्र से दोबारा राज्यसभा में भेजे जाने के बाद हाईकमान ने दिग्विजय सिंह को मोदी सरकार द्वारा अध्यादेशों से कानून बनाने की कार्रवाई की निगरानी के लिए बनी पांच सदस्यीय समिति में भी शामिल कर लिया है।खास बात ये है कि दिग्विजय सिंह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की भविष्य की चुनौतियों को देखने वाली एकमात्र समिति में हैं। जबकि 2018 के पहले वे अभा कांग्रेस कमेटी के सबसे ताकतवर महासचिवों में गिने जाते थे। इसे उनके कांग्रेस की केंद्रीय राजनीति में कद बढ़ने से जोड़कर देखा जा रहा है।
क्या है कमेटी का काम और क्यों बनाई
दरअसल, आगामी चुनावों को देखते हुए एआइसीसी ने केंद्र की मोदी सरकार की निगरानी के लिए एक कमेटी बनाई है, जिसमें चार बड़े कांग्रेस नेताओं के साथ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को शामिल किया है। कांग्रेस की यह समिति मोदी सरकार द्वारा अध्यादेशों के माध्यम से कानून बनाने की समीक्षा करेगी। समिति में दिग्विजय सिंह के अलावा वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश, पी. चिदंबरम, डॉ. अमर सिंह व गौरव गोगोई भी हैं।
सोशल मीडिया पर मोदी सरकार को घेरते आए है दिग्विजय
बता दे कि दिग्विजय केन्द्र की मोदी सरकार को सोशल मीडिया पर अक्सर घेरते हुए नजर आए है। चाहे मुद्दा नोटबंदी, राफेल, राममंदिर, कोरोना, जीएसटी का हो , दिग्विजय ने हमेशा मोदी सरकार की घेराबंदी की है और सवाल दागे है।समिति में शामिल होने के बाद दिग्विजय मोदी सरकार की तेजी से घेराबंदी में जुट जाएंगे।
सिंधिया की बगावत , कमलनाथ सरकार बाहर
बता दें कि मार्च में ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल आ गए थे। उसके बाद सिंधिया समर्थक 18 विधायकों समेत क22 विधायकों ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था जिस कारण मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिर गई थी और भाजपा सत्ता में वापस आ गई थी।