विजयपुर विधानसभा में आदिवासियों पर फायरिंग से कमलनाथ गुस्से में, सरकार पर लगाये गंभीर आरोप, चुनाव आयोग से की ये मांग

विजयपुर में सोमवार को विवाद हो गया, यहाँ चार बाइक से आए 9 हथियारबंद बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी जिसकी चपेट में आकर दो आदिवासी ग्रामीण घायल हो गए।

Atul Saxena
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Kamal Nath

Vijaypur assembly by-election : श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट पर हो रहे उप चुनाव में मतदान से ठीक पहले आदिवासियों पर फायरिंग किये जाने की घटना से सियासत गरमा गई है, कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर मतदाताओं को डराने और माहौल ख़राब करने के आरोप लगाये हैं, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चुनाव आयोग से इस मामले की गंभीरता से लेकर निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराने की मांग की है।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने X पर लिखा- श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की वोटिंग से पहले आदिवासियों पर फ़ायरिंग की घटना अत्यंत चिंताजनक है। इस घटना में आदिवासी समुदाय के कई लोग घायल हो गए। इस घटना से स्पष्ट होता है कि विधानसभा उपचुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी क्षेत्र का माहौल ख़राब करना चाहती है और मतदाताओं को डराना चाहती है।

BJP विधायक तो खरीद सकती है लेकिन जनता को नहीं 

कमलनाथ ने आगे लिखा, वोटिंग से ठीक पहले इस तरह की वारदात क़ानून व्यवस्था और चुनाव के इंतज़ाम पर भी बेहद गंभीर सवाल खड़े करती है। इस घटना से स्पष्ट हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी ख़रीद फरोख्त की राजनीति से बाज़ नहीं आ रही। वह विधायक तो ख़रीद सकती है लेकिन जनता को नहीं ख़रीद सकती, इसलिए मतदाताओं के ऊपर गोलियां चलायी जा रही हैं। मैं निर्वाचन आयोग से अपील करता हूँ कि उस घटना को अत्यंत गंभीरता से ले और विजयपुर विधानसभा में निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराएं।

ये है पूरा घटनाक्रम 

गौरतलब है कि विजयपुर विधानसभा सीट पर 13 नवंबर को वोटिंग होनी है उससे पहले ही यहाँ सोमवार को विवाद हो गया, चार बाइक से आए 9 हथियारबंद बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी जिसकी चपेट में आकर दो आदिवासी ग्रामीण घायल हो गए, घटना के सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और हालत को नियंत्रण में लिया, बताया जा रहा है कि ग्रामीणों ने एक आरोपी को बंदूक के साध ही धरदबोचा और पुलिस को सौंप दिया, घटना के बाद से क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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