भोपाल।
मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार छात्रों को बड़ी राहत देने जा रही है। खबर है कि सरकार मुख्यमंत्री मेधावी योजना में बदलाव करने जा रही है, जिसके तहत जिन छात्रों के पिता की सालाना आय साढ़े सात लाख से कम है उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलेगा। वित्त विभाग ने इस पर सहमति दे दी है। स्कीम का दायरा बढ़ने से करीब 45 हजार मेधावियों को फायदा होने के आसार हैं।
दरअसल, पिछली शिवराज सरकार ने यह योजना लागू की थी और प्रावधान किया गया था कि उन्हीं मेधावी विद्यार्थियों की फीस राज्य सरकार भरेगी, जिनके अभिभावकों की सालाना आय 6 लाख या इससे कम हो। लेकिन, दो वर्षों में कई अभिभावकों की आय बढ़ी है, जिसके चलते छात्रों को योजना का लाभ मिलना बंद हो गया। इस लिहाज से सरकार ने इस योजना में परिवर्तन किया है, ताकी जिन अभिभावकों की आय साढ़े सात लाख से कम है वे भी इसमें शामिल हो सके।
तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विभाग ने नए सिरे से प्रस्ताव तैयार किया। जिसके अनुसार, जिन विद्यार्थियों के पिता अथवा पालक की सालाना आय 6 लाख से अधिक और साढ़े सात लाख रुपए से कम होगी, ऐसे विद्यार्थियों की 75 फीसदी तक फीस राज्य सरकार भरेगी। वित्त विभाग ने इस पर सहमति दे दी है।लेकिन शर्त रखी है कि छह लाख से लेकर साढ़े सात लाख तक की आय वालों की सिर्फ 75 फीसदी (यानी 25 फीसदी कम) तक ही फीस राज्य सरकार भरे।वित्त विभाग से होते हुए फाइल सीएम सचिवालय पहुंच गई है। जल्द ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट में रखा जाएगा।मंजूरी मिलने के बाद स्कीम का दायरा बढ़ने से करीब 45 हजार मेधावियों को फायदा होने के आसार हैं।
ये हैं मेधावी योजना की अहम शर्तें
मप्र का मूल निवासी हो।
माध्यमिक शिक्षा मंडल के अधीन 12वीं कक्षा 70 प्रतिशत या इससे अधिक अंकों के साथ पास की हो।
सीबीएसई पाठ्यक्रम के तहत 12वीं परीक्षा 85 प्रतिशत या इससे अधिक अंकों से पास हो।
पिता-पालक की अधिकतम आय 6 लाख से अधिक न हो।
आईआईटी-जेईई मेंस में रैंक डेढ़ लाख के अंदर हो। सरकारी काॅलेज में प्रवेश लेेने पर पूरी फीस और निजी काॅलेज या अनुदान प्राप्त कालेज में प्रवेश लेने पर डेढ़ लाख रुपए या जो वास्तविक फीस हो, दी जाएगी।
मेडिकल के लिए नीट के माध्यम से एमबीबीएस या बीडीएस में प्रवेश लेने पर फीस दी जाएगी। इसके अतिरिक्त भारतीय शिक्षण संस्थान के द्वारा आयोजित मेडिकल परीक्षा में प्रवेश लेने पर फीस दी जाएगी।