भोपाल।
कमलनाथ सरकार में मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने राम मंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया है । वर्मा ने कांग्रेस द्वारा राम मंदिर बनाने का दावा किया है। उनका कहना है कि जो काम बीजेपी इतने सालों में नही कर पाई वो अब कांग्रेस करके दिखाएगी। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब बहुप्रतीक्षित अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद पर आज से सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई शुरू हो गई है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने मंगलवार सुबह इस मामले की सुनवाई शुरू की।
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दरअसल, आज मंगलवार को इंदौर पहुंचे प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने मीडिया से चर्चा के दौरान राम मंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया। मंत्री ने कहा कि बीजेपी इतने वर्षों में राम मंदिर बना नहीं पाई, अब कांग्रेस राम मंदिर बनाएगी।ऐसे में अब जिस दिन कांग्रेस की चलेगी वो राम मंदिर जरूर बनाएगी। वही उन्होंने बीजेपी को लालची पार्टी बताते हुए कहा कि अभी महाराष्ट्र समेत दूसरे राज्यों में चुनाव आ रहे हैं, इसलिए वोट लेने के लिए बीजेपी फिर से जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है। भाजपा वोट लेने के लिए कुछ भी कर सकती है। दूसरे राज्यों में विधानसभा चुनाव पास हैं, इसलिए बीजेपी इस तरह के हथकंडे अपना रही है।
बहुमत की सरकार, कुछ भी कर सकती है
इससे पहले जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को हटाए जाने को लेकर सोमवार को वर्मा ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में भय का महौल बना हुआ है। बहुमत की सरकार है कुछ भी कर सकती है। हम उनका क्या बिगाड़ लेंगे।डर के साए में धारा 370 को हटाने का फैसला लिया गया है। पहले लोकसभा में चर्चा होनी थी, फिर राज्यसभा में प्रस्तुत किया जाना था। नियमानुसार नहीं लिया गया धारा 370 को हटाने का फैसला। देश में भय का माहौल बनाकर जनता पर निर्णय थोपना अघोषित इमरजेंसी के बराबर है।
इधर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी
बहुप्रतीक्षित अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद पर आज से सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई शुरू हो गई है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने मंगलवार सुबह इस मामले की सुनवाई शुरू की। इस पीठ के अन्य न्यायाधीश एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण व एस. अब्दुल नजीर हैं। जमीन विवाद मामले में सुनवाई की शुरुआत निर्मोअही अखाड़ा की अपील पर हियरिंग के साथ हुई। सीनियर एडवोकेट सुशील के जैन ने अपनी दलीलें रखीं। उन्होंने कहा कि उनकी अपील विवाद भूमि के अंदरुनी इलाके पर मालिकाना हक को लेकर है।