भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) ने अपने एक बयान में आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश के कई हिस्सों से सोयाबीन (Soyabeen) की फ़सल बर्बाद होने की खबरें रोज़ सामने आने के बावजूद भी शिवराज सरकार (Shivraj Sarkar) व ज़िम्मेदार मौन है, किसानो की कोई सुध नहीं ली जा रही है। उन्होंने कहा, किसान सर्वे व राहत की माँग कर रहे है। सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे है लेकिन उन्हें राहत प्रदान करने के लिये कोई कदम नहीं उठाये जा रहे है।
किसान विरोधी सरकार
कमल नाथ ने कहा, प्रदेश में एक बार फिर किसान विरोधी सरकार आ गयी है। किसान परेशान है लेकिन सरकार उपचुनाव की तैयारियों में लगी हुई है। प्रदेश का किसान दोहरी मार झेल रहा है। नाथ ने बताया कि प्रदेश के कई हिस्सों से किसानो की सोयाबीन की फ़सल ख़राब होने की खबरें रोज़ सामने आ रही है। कही अतिवर्षा के कारण, कही व्हाइट फ़्लाई, कही स्टेम फ़्लाई, कही येलो मोज़ेक वाइरस की चपेट में सोयाबीन की फ़सल आ चुकी है। उन्होंने कहा अधिकांश जगह सोयाबीन के पत्ते पीले पड़ने से लेकर पौधे सूखने व अफलन की निरंतर शिकायतें सामने आ रही है।
राहत देने नहीं उठे ठोस कदम
कमल नाथ ने कहा प्रदेश के लाखों किसानो के सर पर फसल ख़राबी की इस नुक़सानी का संकट भी आ पड़ा है। सरकार ने किसानो को राहत प्रदान करने के लिये अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाये है।
किसान सरकार की ओर उम्मीद भारी निगाहो से देख रहा है, वो सर्वे व राहत की माँग कर रहा है लेकिन ज़िम्मेदार मौन है। उन्होंने कहा सिर्फ़ ज़ुबानी घोषणाओं से ही राहत की बात की जा रही है। कोरोना महामारी में किसान पहले से ही परेशान है, नुक़सानी की मार निरंतर झेल रहा है। वही शिवराज सरकार में यूरिया की कमी, कालाबाज़ारी व मिलावटखोरी से भी परेशान है। अत्यधिक वर्षा से प्रदेश के कई हिस्सों में आयी बाढ़ से भी उसकी फसल पर संकट आ पड़ा है। अब सोयाबीन की फसल के भी ख़राब होने से उसे भारी नुक़सान व संकटो का सामना करना पड़ेगा।
किसानों के संकट का सुध तक नहीं लिया जा रहा
कमल नाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज पर निशाना साधते हुए कहा कि, ख़ुद को किसान पुत्र बताने वाले, अपनी सरकार में किसान भाइयों की इस संकट में सुध तक नहीं ले रहे है। किसानो को कोई राहत प्रदान नहीं कर रहे है। किसान परेशान है, क़र्ज़ के बोझ तले निरंतर दबता जा रहा है। उन्होंने कहा मै सरकार से माँग करता हूँ कि इस संकट को देखते हुए किसान भाइयों को राहत प्रदान करने के लिये सरकार तत्काल ठोस कदम उठाये।