भोपाल।
राजधानी भोपाल स्थित पत्रकारिता शैक्षणिक संसथान माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर बीके कुठियाला को बड़ा झटका लगा है| विशेष न्यायाधीश संजीव पांडेय की कोर्ट में पेश अग्रिम जमानत अर्जी को कोर्ट ने नामंजूर कर दिया है| इस फैसले से पूर्व कुलपति कुठियाला पर गिरफ्तारी की तलवार लटकती दिखाई दे रही है, जिस कारण वे बुरी तरह फंसते हुए दिखाई दे रहे हैं।
![Kuthiyala's-Trouble-grew-up](https://mpbreakingnews.in/wp-content/uploads/2020/01/220920191910_0_BK...jpg)
बता दें कि एमसीयू में नियुक्ति और आर्थिक अनियमितताओं के मामले में फंसे पूर्व कुलपति बीके कुठियाला के वकील ने ईओडब्ल्यू विशेष न्यायाधीश संजीव पांडेय की कोर्ट में उन्हें निर्दोष और प्रकरण में झूठा फंसाया जाना बताते हुए अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर करने की मांग की थी। इस पर शनिवार को फैसला सुनाते हुए अदालत ने मामले को गंभीर प्रवृत्ति का बताते हुए अग्रिम जमानत अर्जी को नामंजूर कर दिया। कुठियाला द्वारा प्रकरण की विवेचना में सहयोग नहीं करने पर भी कोर्ट ने नाराजगी जताई।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार आने के बाद कुठियाला पर लगे फर्जी नियुक्ति और आर्थिक अनियमितता जैसे आरोपों की जांच आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) कर रही है। जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर ईओडब्ल्यू ने नियुक्ति सहित आर्थिक गड़बड़ी के मामले में पूर्व कुलपति प्रोफेसर बीके कुठियाला सहित 20 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी।
अब तक नहीं हुए पेश
पूर्व कुलपति बीके कुठियाला पर अनेक आरोप होने के पर पूछताछ के लिए आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) उन्हें कई बार नोटिस भेज कर तलब किया है | लेकिन वे अभी तक हाजिर नहीं हुए हैं। कुठियाला पर आरोप है कि उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल में वर्ष 2003 से दिसंबर 2018 तक की अवधि में अवैध नियुक्तिया की तथा अवैधानिक व्यय किये। शनिवार को अदालत ने इस मामले में आरोपी बृजकिशोर कुठियाल की ओर से पेश अग्रिम जमानत की अर्जी नामंजूर करने के आदेश दिये।