भोपाल। राफेल सौदे को लेकर भाजपा और मोदी सरकार को घेरने वाली कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है| चुनाव में राफेल के मुद्दे के विज्ञापनों से भाजपा को घेरने के कांग्रेस के इरादे पर पानी फिर गया है| मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग ने चुनाव से पहले कांग्रेस की ओर से जारी किए जाने वाले नौ विज्ञापनों में से छह विज्ञापनों को आपत्तिजनक मानते हुए इनके प्रसारण पर रोक लगा दी है। इन विज्ञापनों में राफेल से जुड़े हुए दो विज्ञापन भी थे।
इन विज्ञापनों पर रोक लगाए जाने को लेकर चुनाव आयोग का कहना है कि राफेल विमान का केस देश की सर्वोच्च अदालत में हैं, इसलिए इसका चुनाव विज्ञापन में उपयोग करना ठीक नहीं है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग के पास अनुमति के लिए अपने नौ विज्ञापनों को भेजा था। इसमें से छह विज्ञापन पर चुनाव आयोग ने आपत्ति जताई।
कांग्रेस द्वारा भेजे गए विज्ञापन की जांच के बाद आयोग ने आपत्तिजनक विज्ञापनों को प्रमाणपत्र देने से मना कर दिया। मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव का कहना है कि इस मामले में किसी भी पाटी को कोई आपत्ति है तो वह इसके लिए अपील कर सकते हैं। आयोग के इस कदम के बाद मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि आयोग कांग्रेस के मामले में दोहरी नीति अपना रहा है। 2014 में कॉमनवेल्थ गेम सहित अन्य आपत्तिजनक विज्ञापनों को मंजूरी दी गई थी, हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) वीएल कांताराव का कहना है कि इस मामले में किसी भी पाटी को कोई आपत्ति है तो वह इसके लिए अपील कर सकते हैं।