भोपाल। प्रदेश की स्थापना के बाद से अभी तक 63 साल में प्रदेश ने कई चुनौतियों का सामना किया है। आज सबसे बड़ी चुनौती शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने की है। इसके लिए सरकार ही नहीं प्रदेश के हर नागरिक को व्यवस्था परिवर्तन के लिए आगे आना होगा। जिससे प्रदेश का भविष्य सुरक्षित हो सके। इसके लिए मेरे मन में तड़प है। यह तड़प हर किसी में होना चाहिए। यह बात मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज सुबह मंत्रालय स्थित बल्लभ उद्यान में आयोजित प्रदेश स्थापना दिवस समारोह में कही। इस दौरान वन्देमातरम गीत का गायन भी किया गया।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अधिकारी, कर्मचारी एवं आम नागरिकों को प्रदेश के विकास की शपथ दिलाते हुए कहा कि मप्र किसी एक व्यक्ति या पार्टी का नहीं है बल्कि हर व्यक्ति का है। आज प्रदेश के सामने जो चुनौतियां उससे निपटने के लिए सोच में लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जब मप्र का गठन हुआ था तब उत्पादन बढ़ाने की चुनौती थी, लेकिन आज प्रदेश में बढ़ते हुए उत्पादन की चुनौती है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कई चुनौतियों है, जिससे हर व्यक्ति को बेहतर इलाज मिल सके। कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश के हर व्यक्ति को सोचना चाहिए कि वह कैसा मप्र चाहता है। 10 साल बाद मप्र का नक्शा कैसा हो, इसके लिए सभी को मिलकर व्यवस्था में परिवर्तन करना चाहिए। यह सिर्फ सरकार से संभव नहीं होगा, बल्कि हर नागरिक को इसमें लगना होगा।
!['प्रदेश के सामने कई चुनौतियां, परिवर्तन के लिए हर नागरिक को आगे आना होगा'](https://mpbreakingnews.in/wp-content/uploads/2020/01/014620191225_0_kamalnathcm.jpg)
किसान की क्रय शक्ति बढ़ेगी तो रोशन होंगे बाजार
कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश की 70 फीसदी आबादी खेती से जुड़ी है। गांवों में किसानों की क्रय शक्ति बढ़ेगी तब बाजार रोशन होंगे। इसके लिए जरूरी है कि किसान को उपज का सही और बाजिव दाम मिले। उन्होंने कहा इंटरनेट के जमाने मे ज्ञान की जरूरत है| आज के नौजवान प्रदेश और देश का निर्माण करेगें| अगर इनका भविष्य अंधकारमय होगा तो ये नौजवान कैसे काम कर पायंगे, शिक्षा के क्षेत्र में किनती कमी है, क्या हमारी शिक्षा सही स्टैंडर्ड की है| आज छोटे बच्चे सातवी आठवीं से ज्यादा नहीं पढ़ रहे है, यह हमारे लिए चुनौती है| स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कई चुनौती है, 10 साल बाद जब हम स्थापना दिवस पर सोचेंगे तो क्या ऐसा मध्यप्रदेश देखना चाहेंगे|