मीसाबंदियों के घर-घर जाएंगे अधिकारी, पूछेंगे ‘आपातकाल में कहां थे’

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भोपाल। लोकतंत्र सेनानियों (मीसाबंदियों)को मिलने वाली पेंशन समेत अन्य सुविधाओं पर रोक लगाने से घिरी कमलनाथ सरकार ने अब नया फरमान जारी कर दिया है। मीसाबंदियों का भौतिक सत्यापन करने के लिए सरकारी अधिकारी अब उनके घर-घर जाएंगे। साथ ही पड़ौसियों से उनके बारे में जानकारी जुटाएंगे। यह भी पूछा जाएगा कि आपातकाल में ये कहां थे। 

राज्य शासन ने कलेक्टरों को फरमान जारी कर कहा है कि लोकतंत्र सेनानी एवं उनके आश्रित पति-पत्नी का भौतिक सत्यापन मौके पर किया जाए। इस कार्रवाई को अंजाम राजस्व निरीक्षक से अनिम्न स्तर के कर्मचारी से कराई जाए। खास बात यह है कि सत्यापन के दौरान स्थानीय व्यक्तियों से मीसाबंदियों के बारे में पूछा जाए। इसकी पूरी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जाएगी। जिनकी रिपोर्ट सही आएगी, उन्हें सम्मान निधि की राशि की जाएगी। 

निधि को लेकर असमंजस में सरकार 

मीसाबंदियों को दी जाने वाली सम्मान निधि को लेकर राज्य सरकार असमंजस की स्थिति में है। क्योंकि मीसाबंदियों की सम्मान निधि पर रोक लगाने के बाद सहकारिता मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने कहा था कि सरकार इसे बंद करने पर विचार कर रही है। इस बीच राज्य सरकार द्वारा भौतिक सत्यापन के आदेश जारी करने से असमंजस की स्थिति बन गई है। 

रणनीति बना रहे मीसाबंदी

कमलनाथ सरकार के फैसले के खिलाफ  देशभर के मीसाबंदी दिल्ली में बैठकर रणनीति बना चुके हैं। साथ ही चेतावनी दी गई है कि यदि कमलनाथ सरकार यह फैसला वापस नहीं लेती है तो फिर आंदोलन किया जाएगा। साथ ही केंद्र सरकार से मीसाबंदियों और उनके आश्रितों को चिकित्सा सहायता देने की भी मांग की गई है।


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