भोपाल।
आगामी लोकसभा चुनाव 2019 के लिए मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस ने जोर शोर से तैयारी शुरू कर दी है। कांग्रेस पार्टी ने मध्यप्रदेश में ‘विन 29’ का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए उन सीटों पर विशेष फोकस किया जा रहा है जिन पर सालों से भाजपा का कब्जा है और विधानसभा चुनाव के दौरान जिन सीटों पर कांग्रेस मजबूत हुई है। इसके अलावा पिछले चुनाव में जिन सीटों पर जीत का अंतर कम रहा हो या फिर मोदी लहर में जो सीटे हाथ से फिसली हो।विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव में भी जीत के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रदेश के सभी बड़े दिग्गज नेताओं को जिताने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है।कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय जैसे दिग्गज नेताओं को भी पूरे प्रदेश के साथ दो सीटें विशेष तौर पर जिताने को कहा गया है। ये बड़े नेता अपने-अपने अंचल में सीटें जिताने के साथ ही दो-दो सीटों पर खास तौर पर जीतने की तैयारी करेंगे। इन सीटों पर बूथ स्तर पर काम होगा।
दिग्गजों को इन सीटों की जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री कमलनाथ– अपनी परंपरागत सीट छिंदवाड़ा के साथ महाकौशल अंचल की बालाघाट सीट भी जिताएंगे। इसके अलावा उनके पास पूरा महाकौशल अंचल का प्रभार भी रहेगा।उनके साथ उनका बेटा नकुलनाथ भी जीत को सुनिश्चित करने में हाथ बंटाएगा।
सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया– उनकी सीट गुना के साथ ग्वालियर जिताने का जिम्मा भी सौंपा गया है।चुंकी हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की पकड़ यहां मजबूत हुई है जिसका फायदा कांग्रेस लोकसभा में भी उठाना चाहती है।ग्वालियर-चंबल अंचल का प्रभार भी उनके पास रहेगा। यूपी का प्रभार मिलने के बाद सिंधिया ने अपनी पत्नी प्रियदर्शनीराजे को इस रणनीति के तहत काम में जुटा दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह– सबसे कठिन सीट भोपाल और इंदौर की जिम्मेदारी सौंपी गई है। घरेलू सीट होने के कारण राजगढ़ और मध्यभारत का प्रभार भी उनको दिया गया है।भोपाल और इंदौर दौनों ही हाईप्रोाफाइल सीट है, वर्तमान में दोनों सीटे भाजपा के कब्जे में है।जिसके चलते कांग्रेस ने उनको यह जिम्मेदारी सौंपी है। हालांकि इन दोनों में से किसी एक सीट पर दिग्विजय के चुनाव लड़ने की अटकले तेज है।
सांसद विवेक तन्खा– जबलपुर और खजुराहो का जिम्मा संभालेंगे। दोनों सीटों पर भाजपा का कब्जा है। जबलपुर से प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह सांसद है।
सांसद कांतिलाल भूरिया– छह आदिवासी सीटों के साथ उनकी अपनी सीट रतलाम के अलावा मंडला सीट जिताने की जवाबदारी भी दी गई है।
पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव -निमाड़ की खंडवा और खरगोन सीट का विशेष प्रभार संभालेंगे।क्योंकि इस सीट पर यादवों का एक अलग प्रभाव है। अरुण यादव के पिता भी यहां से पहली बार नेता चुने गए थे।अरुण यादव के भाई सचिन यहां से विधायक है और कमलनाथ सरकार में कृषि मंत्री है।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह – भले ही विधानसभा चुनाव में अजय सिंह बेहतर परफॉरमेंस नही दिखा पाए,बावजूद इसके पार्टी द्वारा उन्हें सीधी और सतना की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा पूरे बघेलखंड का प्रभार भी अजय सिंह के पास रहेगा।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी- होशंगाबाद सीट पर कांग्रेस का झंडा फहराने को कहा गया है।इस सीट पर उनका साथ सरताज सिंह भी देंगें।